नियमों का उल्लंघन करने वाले तीन भुगतान प्रणाली संचालकों पर आरबीआई की कार्रवाई, लगाया लाखों का जुर्माना
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नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भुगतान प्रणाली संचालकों (पीएसओ) वीजा वर्ल्डवाइड, ओला फाइनेंशियल सर्विसेज और मनप्पुरम फाइनेंस पर जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना, नियामक अनुपालन में खामियों को लेकर लगाया गया है।
आरबीआई द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि केवाईसी (Know Your Customer) के वर्ष 2016 के दिशानिर्देशों के कुछ प्रावधानों का अनुपालन न करने के लिए मनप्पुरम फाइनेंस लिमिटेड पर 41.50 लाख का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा ओला फाइनेंस सर्विसेज पर 33.40 लाख का जुर्माना लगाया गया है। आदेश में आगे लिखा गया है कि प्रीपेड भुगतान उपकरण और बिना कार्ड के लेनदेन से जुड़े कुछ प्रावधानों के उल्लंघन के लिए दो भुगतान प्रणाली संचालकों (पीएसओ), ओला फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड और वीजा वर्ल्डवाइड पर भी जुर्माने के आदेश जारी किए गए हैं। बताया गया है कि इन दोनों पीएसओ ने प्रीपेड पेमेंट उपकरणों के इस्तेमाल के लिए जारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया है। इसके अलावा बिना कार्ड के लेनदेन से जुड़े नियमों का भी उल्लंघन किया गया है। इसके एवज में ओला फाइनेंशियल प्राइवेट लिमिटेड पर 54.15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा वीजा वर्ल्डवाइड लिमिटेड पर 240.75 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
आगे बताया गया है कि मनप्पुरम फाइनेंस लिमिटेड और ओला फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने केवाईसी को लेकर आरबीआई के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया है। आरबीआई द्वारा इससे पहले दोनों पीएसओ को नोटिस जारी किया गया था। इसमें पूछा गया था कि आखिर क्यों दोनों पीएसओ पर जुर्माना न लगाया जाए? दोनों पीएसओ के लिखित जवाब के बाद आरबीआई ने यह फैसला लिया कि दोनों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
आगे बताया कि वीजा वर्ल्डवाइड प्राइवेट लिमिटेड लेन देन से जुड़े एक प्रमाणीकरण समाधान को बिना आरबीआई की अनुमति के लागू कर दिया था। इस वजह से इकाई को आरबीआई द्वारा एक नोटिस जारी किया गया और पूछा गया कि आखिर क्यों जुर्माना न लगाएं? इसके बाद वीजा वर्ल्डवाइड प्राइवेट लिमिटेड के जवाब से आरबीआई को संतुष्टि नहीं मिली। इस वजह से इकाई पर जुर्माना लगाया गया।