देहरादून में 1976 में राष्ट्रपति निवास के रूप में की गई थी राष्ट्रपति निकेतन की स्थापना
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देहरादून। देहरादून में 19 एकड़ भूमि में फैला राष्ट्रपति तपोवन, राष्ट्रपति एस्टेट का एक हिस्सा है। जहां आध्यात्मिक आश्रय और पारिस्थितिकी संरक्षण पर जोर दिया गया है। तपोवन में देशी वनस्पतियों से समृद्ध घने जंगल, पौधों की 117 प्रजातियां, 52 प्रकार की तितलियां, पक्षियों की 41 प्रजातियां और जंगली स्तनधारियों की सात प्रजाति शामिल हैं, जिनमें कुछ संरक्षित प्रजातियां भी शामिल हैं। इस क्षेत्र में प्राकृतिक बांस के झुरमुट और शांत वनस्थली पारिस्थितिकी तंत्र हैं। राष्ट्रपति रिट्रीट के रूप में 1976 में स्थापित राष्ट्रपति निकेतन की समृद्ध विरासत 1838 से चली आ रही है जब यह एस्टेट गवर्नर जनरल के अंगरक्षकों के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर के रूप में कार्य करता था। यह 21 एकड़ में फैला हुआ है
राष्ट्रपति निकेतन की स्थापना 1976 में राष्ट्रपति निवास के रूप में की गई थी। इसकी समृद्ध विरासत 1838 से चली आ रही है, जब यह एस्टेट गवर्नर जनरल के अंगरक्षक के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर के रूप में कार्य करता था। यह 21 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें लिली तालाब, ऐतिहासिक इमारतें, बाग और अस्तबल शामिल हैं। कुल 132 एकड़ में विस्तारित राष्ट्रपति उद्यान, सुगमता और पारिस्थितिकी उत्तरदायित्व का एक मॉडल होने के साथ ही दिव्यांगजनों के लिए सार्वजनिक उद्यान के रूप में पूरी तरह से सुलभ होगा। इसका उद्देश्य नागरिकों के बीच स्वास्थ्य, संस्कृति और नागरिक गौरव को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक सहभागिता केंद्र बनाना है। राष्ट्रपति तपोवन और राष्ट्रपति निकेतन क्रमशः आगामी 24 जून और एक जुलाई से आम जनता के लिए खोल दिए जाएंगे।
आगंतुक यहां भारतीय सेना की 251 साल पुरानी रेजीमेंट पीबीजी के इतिहास व 186 साल पुराने अस्तबल से रूबरू होने के साथ ही राष्ट्रपति के अंगरक्षकों के अस्तबल व घोड़ों को देख सकेंगे। लिली पोंड, रॉकरी पोंड, रोज गार्डन और पेर्गाेला भी आगंतुकों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे। दर्शक राष्ट्रपति निकेतन के अलावा राजपुर रोड स्थित 19 एकड़ के घने जंगल में फैले राष्ट्रपति तपोवन का भ्रमण भी कर पाएंगे। इस तपेावन में घने वृक्ष, घुमावदार पगडंडियां, लकड़ी के पुल, पक्षियों को देखने के लिए ऊंचे मचान व चिंतन-ध्यान के लिए प्राकृतिक रूप से शांत स्थान है।
तपोवन को रास्तासूचक-पगडंडियों, मौसमी वनस्पतियों व पर्यावरण-के जानकारों के माध्यम से आगंतुकों को प्राकृतिक सौंदर्य से जोड़ा जाएगा। राष्ट्रपति निकेतन में थीम आधारित उद्यान, तितली उद्यान, झील, पक्षीशाला व बच्चों के खेलने के लिए विशेष क्षेत्र होगा। पार्क में खेल-कूद क्षेत्र, पैदल ट्रैक, जॉगिंग, साइकिलिंग ट्रैक, जल संरक्षण प्रणाली व बाहरी स्थल शामिल किया गया है।
राष्ट्रपति आशियाना का जीर्णाेद्धार केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) की सलाह पर किया गया था। संस्थान ने मई 2015 में साइट सर्वेक्षण कर भूकंपरोधी सुविधाओं के प्रावधान सहित रेट्रोफिटिंग तरीकों का सुझाव दिया। सीबीआरआई की सलाह के बाद इस भवन में क्षैतिज व ऊर्ध्वाधर भूकंपीय बैंड प्रदान करके रेट्रोफिटिंग की गई। रीप्लास्टरिंग से पहले चिनाई की सतह पर वायर मेश लगाया गया था।
राष्ट्रपति निकेतन का इस्तेमाल राष्ट्रपति के अंगरक्षकों द्वारा पीबीजी घोड़ों के प्रशिक्षण के लिए किया जाता था। इस विरासत भवन में अब कलाकृतियों का एक संग्रह प्रदर्शित किया गया है और यह अपनी समृद्ध विरासत की झलक पेश करता है। आगंतुकों को राष्ट्रपति के अंगरक्षकों के अस्तबल और घोड़ों को देखने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, लिली तालाब, रॉकरी तालाब, रोज गार्डन और पेर्गाेला भी आकर्षण के केंद्र होंगे। राष्ट्रपति निकेतन के अलावा, लोग राजपुर रोड पर 19 एकड़ के घने जंगल में फैले राष्ट्रपति तपोवन भी जा सकते हैं। तपोवन में अनेकों देसी पेड़, घुमावदार पगडंडियां, लकड़ी के पुल, पक्षियों को देखने के लिए ऊंचे मचान और चिंतन और ध्यान के लिए शांत स्थानों के साथ प्रकृति में एक शांत स्थल प्रदान करता है।
देहरादून में राष्ट्रपति तपोवन और राष्ट्रपति निकेतन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा किया गया। इस मौके पर उन्होंने विजिटर फैसिलिटेशन सेंटर, कैफेटेरिया और सॉवेनियर शॉप जैसी जनसुविधाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने राष्ट्रपति निकेतन में बनने वाले राष्ट्रपति उद्यान की आधारशिला भी रखी।