कांवड़ यात्रा के लिए मांगी गई केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 20 कंपनी

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देहरादून। उत्तराखंड में 11 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है। जिसकी तैयारी में शासन प्रशासन जुटा हुआ है। वर्तमान समय में कांवड़ यात्रा पर आने वाले कावड़ियों के लिए पेयजल, शौचालय, कांवड़ पटरी को दुरुस्त करने समेत अन्य व्यवस्थाएं मुकम्मल की जा रही हैं। डीजे की अनुमति और कांवड़ की ऊंचाई को लेकर 27 जून को कई राज्यों के उच्च अधिकारियों की बैठक होगी।
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने कहा कांवड़ यात्रा प्रदेश की महत्वपूर्ण यात्राओं में से एक है। कोरोना काल के बाद से ही साल दर साल कांवड़ यात्रा में आने वाले कावड़ियों की संख्या बढ़ती जा रही है। कांवड़ यात्रा में आने वाले कावड़ियों की संख्या 4.5 करोड़ तक पहुंच रही है। ऐसे में आगामी कांवड़ यात्रा को लेकर शासन प्रशासन की ओर से तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हाल ही में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में भी कांवड़ यात्रा की तैयारी को लेकर बैठक की गई। जिसमें संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ तैयारी को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक के दौरान सभी विभागीय अधिकारियों को तय समय पर कामों को पूरा करने के दिशा निर्देश दिए गए।
कांवड़ यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से पुलिस मुख्यालय की ओर से पर्याप्त व्यवस्थाएं की जा रही हैं। साथ ही भारत सरकार से सीपीएमएफ (केंद्रीय अर्धसैनिक बलों) की 20 कंपनियां मांगी गई हैं। वर्तमान समय में मानसून की वजह से चार धाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या घटने लगी है। लिहाजा, धीरे-धीरे चारधाम यात्रा मार्गों पर लगाई गई जिलों की पुलिस और पीएसी की ड्यूटी, चार धाम यात्रा मार्गों से हटाकर कांवड़ यात्रा में लगाई जाएगी।
कांवड़ यात्रा में राज्य से लगते हुए करीब 5 राज्यों से कांवड़िए आते हैं। जिसमें हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश शामिल है। ऐसे में इन राज्यों के उच्च अधिकारियों के साथ 27 जून को इंटर स्टेट मीटिंग की जाएगी। जिसमें कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे बजाने का मामला, कांवड़ की ऊंचाई को लेकर निर्णय लिया जाएगा। कांवड़ यात्रा को लेकर एक एसओपी बनाए जाने का निर्णय लिया गया है।

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