एचएमपीवी को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क

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रुद्रप्रयाग। वैश्विक स्तर पर फैल रहे ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) श्वसन तंत्र रोग की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग सर्तकता हो गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को चिकित्सालयों में आईसोलेशन बेड, आक्सीजन, दवा की प्रर्याप्त व्यवस्था करने के दिशा निर्देश दिए हैं, वहीं, इससे बचाव के लिए अपनाए जाने वाले व्यवहार को लेकर हेल्थ एडवायजरी भी जारी की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) श्वसन तंत्र रोग सामान्य सर्दी जुकाम के लक्षणों जैसे बुखार, खांसी, नाक बहना, गले में खराश, सांस में तखलीफ, थकान, सिरदर्द आदि लक्षणों के साथ आता है। 3-5 दिनों में स्वतः ठीक हो जाता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर इस रोग को लेकर प्रसारित सूचनाओं तथा शीतकाल में मौसमी इन्फ्लूएंजा सहित अन्य समस्त श्वसन तंत्र रोगों के रोकथाम व बचाव के लिए समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को चिकित्सालयों में आईसोलेशन बेड, दवा आदि जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने जिला चिकित्सालय में भी इस बाबत समुचित आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। साथ ही श्वसन तंत्र के लक्षण वाले रोगियों की सघन निगरानी करने व उनकी आईडीएसपी पोर्टल में नियमित प्रविष्टि करने सहित श्वसन रोग के लक्षणों के विषयक क्लसटरिंग की स्थिति में त्वरित नियंत्रण व रोकथाम के लिए रैपिड रिस्पांस टीम व आईडीएसपी टीम में प्रभावी समन्वय बनाने के निर्देश दिए।

 

विभाग ने की हेल्थ एडवायजरी जारी
रुद्रप्रयाग। स्वास्थ्य विभाग ने आशा, एएनएम व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से समुदायक स्तर पर इन्फ्लूएंजाध्निमोनिया से संबंधित रोगों के संचरण के बचाव के लिए जरूरी व्यवहार अपनाने पर आधारित संदेशों को प्रसारित करने के निर्देश दिए हैं। जारी हेल्थ एडवायजरी के तहत बच्चों, बुजुर्गों तथा किसी अन्य गंभीर रोग से ग्रसित लोगों में विशेष सावधानी बरतने, छींकते या खांसते समय नाक और मुंह को ढकने के लिए रूमाल, टिश्यू का प्रयोग करने, इस्तेमाल किए गए टिश्यू पेपर, रूमाल का पुनः उपयोग न करने, हाथ मिलाने से परहेज करने, साबुन पानी से हाथों को स्वच्छ रखनें, बार-बार आंख, नाक व मुहं को छूने से बचने, भीड-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचने, लक्षण ग्रसित लोगों से नजदीकी संपर्क से बचने व लक्षण होने पर स्वस्थ लोगों से दूरी बनाये रखने, अधिक मात्रा में पानी, तरल पदार्थों का सेवन करने व पौष्टिक आहार लेने, सर्दी, जुकाम, बुखार आदि के लक्षण होने पर चिकित्सकीय परामर्श लेने व चिकित्सकीय परामर्श पर ही औषधी का सेवन करने जैसे व्यवहार अपनाने की अपील की।

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