राज्यपाल ने 20वें विश्व शांति महासम्मेलन में किया प्रतिभाग

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित 20वें विश्व शांति महासम्मेलन में प्रतिभाग किया। यह महासम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय विश्व शांति प्रबोधक महासंघ द्वारा संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) के सहयोग से आयोजित किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल ने ‘‘यूनाइटेड फॉर पीसः ए शेयर्ड विजन फॉर ह्यूमैनिटी’’ पुस्तक का विमोचन भी किया और इसे शांति और मानवता के मार्गदर्शन में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि शांति केवल युद्ध और हिंसा का अभाव नहीं है, बल्कि यह समानता, स्वतंत्रता और सम्मान के साथ जीने की अवस्था है। उन्होंने कहा कि ‘‘वसुधैव कुटुंबकम’’ का सिद्धांत हमें यह सिखाता है कि पूरी दुनिया एक परिवार है, और यह आदर्श शांति और एकता का आधार बन सकता है। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड योग, ध्यान और आयुर्वेद का केंद्र है, यह भूमि आध्यात्मिक शांति और संतुलन का स्रोत है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और ग्रीन टेक्नोलॉजी को अपनाने के राज्य के प्रयासों को रेखांकित किया और इन्हें शांति और स्थिरता के लिए आवश्यक बताया। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत द्वारा शांति और मानवता के लिए किए गए प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की ‘‘वसुधैव कुटुंबकम’’ की विचारधारा ने पूरे विश्व को एक परिवार मानने का संदेश दिया है। राज्यपाल ने कहा कि आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, सांस्कृतिक विभाजन और आर्थिक असमानता आज की सबसे बड़ी चुनौतियाँ हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए शिक्षा, संवाद और सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उन्होंने ग्रीन टेक्नोलॉजी, ऊर्जा संरक्षण, और वृक्षारोपण जैसे उपायों को दीर्घकालिक शांति और स्थिरता के लिए आवश्यक बताया। राज्यपाल ने कहा कि भारत की संस्कृति और परंपराएं हमें शांति और मानवता का संदेश देती हैं। उन्होंने महात्मा गांधी और महात्मा बुद्ध के अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों को याद करते हुए कहा कि ये मूल्य आज भी पूरे विश्व को प्रेरणा देते हैं।

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