राष्ट्रीय कर्मयोगी सेवा-भाव प्रशिक्षण आयोजित

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देहरादून। क्षमता निर्माण और जन-केंद्रित शासन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने नई दिल्ली स्थित कौशल भवन में राष्ट्रीय कर्मयोगी सेवा-भाव प्रशिक्षण के दूसरे चरण के अंतर्गत तीन दिवसीय मास्टर ट्रेनर कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन किया। यह कार्यक्रम मिशन कर्मयोगी के व्यापक ढांचे के अंतर्गत कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन (सीबीसी) की एक प्रमुख पहल है। इस कार्यक्रम ने मंत्रालय के क्षेत्रीय संस्थानोंकृडीजीटी, आरडीएसडीई, एनएसटीआई, एनआईएमआई, सीएसटीएआरआई और एनसीवीईटी से 28 नामित अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया। इन अधिकारियों को मंत्रालय के निदेशक प्रीतम दत्ता और सीएसटीएआरआई के निदेशक टी. रागुलान द्वारा प्रशिक्षित किया गया, और दोनों को मई 2025 में सीबीसी द्वारा लीड ट्रेनर के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।
तीन दिनों के इस प्रभावशाली प्रशिक्षण कार्यक्रम में अधिकारियों को सेवा-भाव (सेवा की भावना) को बढ़ावा देने, लक्ष्य आधारित सार्वजनिक सेवा को समझने और विभिन्न संस्थानों के बीच बेहतर तालमेल बनाने के लिए जरूरी जानकारी और तरीके सिखाए गए। यह प्रशिक्षण चार मॉड्यूल पर आधारित था, जिनका उद्देश्य था-अधिकारियों की सोच को सकारात्मक दिशा में मोड़ना, विभागों के बीच सहयोग बढ़ाना और जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करना। प्रशिक्षण के दौरान मामलों पर चर्चा, सहकर्मियों के अनुभव साझा करना और खुलकर संवाद जैसे तरीकों से प्रतिभागियों ने यह जाना कि वे अपने काम के जरिए जनता को बेहतर सेवाएं कैसे दे सकते हैं।अब ये 28 अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रीय संस्थानों में एक दिवसीय सेवा-भाव कार्यशालाओं का आयोजन करके परिवर्तन के वाहक की भूमिका निभाएंगे। उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि जन-प्रथम सेवा का संदेश मंत्रालय के पूरे तंत्र में प्रत्येक अधिकारी तक प्रभावी ढंग से पहुँचे और सभी में सेवा भावना को और अधिक प्रोत्साहन मिले।

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