लंदन मेयर पद की दौड़ में शामिल हुए दिल्ली में जन्मे तरुण गुलाटी
नई दिल्ली। लंदन में मेयर पद पर पाकिस्तान मूल के सादिक खान तीसरी बार जीत हासिल करने के लक्ष्य के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि, इस बार उन्हें भारतीय मूल के एक उम्मीदवार से चुनौती मिलने वाली है। इनका नाम है तरुण गुलाटी। दिल्ली में जन्मे तरुण का कहना है कि लंदन के नागरिकों को सभी राजनीतिक पार्टियों ने दुखी किया है। उन्होंने आगे कहा कि वह लंदन को अनुभवी सीईओ की तरह चलाना चाहते हैं, जिससे सभी को लाभ मिल सके। उनका मानना है कि एक व्यवसायी और निवेश विशेषज्ञ के रूप में उनका अनुभव लंदन को लाभ पहुंचाने में मददगार साबित होगा।
मई को होने वाले मेयर चुनाव में 63 वर्षीय भारतीय मूल के तरुण गुलाटी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव में उतरेंगे। मेयर पद के लिए उनकी लड़ाई 13 अन्य उम्मीदवारों से होने वाली है। उन्होंने सिटीबैंक और एचएसबीसी के साथ छह देशों में काम किया है। एचएसबीसी में वह एक अंतर्राष्ट्रीय प्रबंधक (आईएम) थे। तरुण गुलाटी ने कहा, “मैं लंदन को एक अनोखे वैश्विक शहर के तौर पर देखता हूं। यह विश्व के वैश्विक बैंक की तरह है, जहां दुनियाभर के लोग एकत्रित होते हैं।”
अपने संबोधन में उन्होंने आगे कहा, “मेयर के तौर पर मैं लंदन की बैलेंस शीट इस तरह से तैयार करूंगा कि यह निवेश के लिए एक प्रमुख विकल्प बन सके। इसमें सभी निवासियों के लिए सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित हो। मैं एक अनुभवी सीईओ की तरह लंदन को प्रभावी ढंग से बदलूंगा। यहां लाभप्रदत्ता का मतलब सभी के लिए लाभ होगा। इस यात्रा में आप सभी शामिल होंगे। इसे अपने लंदन और अपने घर के लिए करें। लंदन की सड़कों में सुरक्षा उनके मुख्य एजेंडा में प्रमुख है।”
लेबर पार्टी के मौजूदा नेता सदिक खान की कुछ अलोकप्रिय नीतियों को खत्म करना भी तरुण गुलाटी का प्रमुख एजेंडा है। सादिक खान की इन नीतियों में अल्ट्रा लो एमिशन जोन (यूएलईजेड) शुल्क और लो ट्रैफिक नेबरहुड (एलटीएन) से जुड़ी उच्च लागत को खत्म करना शामिल है। तरुण गुलाटी ने कहा, “हम यूएलईजेड, एलटीएन जैसी खराब नीतियां नहीं चाहते हैं। जलवायु परिवर्तन हो रहा है और हमें इसके प्रभावों को कम करने की जरूरत है। हमें जो भी परिवर्तन करना होगा, वह जनता की राय के अनुरूप होना चाहिए।”
तरुण गुलाटी ने मेयर पद के लिए कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार सुजैन हॉल पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कई वर्षों तक लंदन असेंबली के सदस्य होने के बावजूद वह इन नीतियों को रोकने में नाकाम रही हैं। उन्होंने आगे कहा, “अगर राजनीतिक उम्मीदवार वह करते जो उन्हें करना चाहिए था, तो मैं मेयर पद की दौड़ में कभी शामिल नहीं होता।” तरुण गुलाटी किफायती आवासीय व्यवस्था, लंदन में पर्यटन को बढ़ावा देना, मुफ्त स्कूल भोजन सुनिश्चित करना और काउंसिल टैक्स को कम करने जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।