उपभोक्ता न्याय के 4760 केस फैसले के इंतजार में
देहरादून। राज्य में पिछले कई महीनों से उपभोक्ता न्याय ठप्प है। 4760 उपभोक्ता केस फैसले के इंतजार में हैं, जिसमें 1215 केस 5 साल से अधिक पुराने हैं। यह खुलासा सूचना अधिकार के तहत ली गई सूचना में हुआ है। उपभोक्ता केसों का निस्तारण न होने का मुख्य कारण राज्य उपभोक्ता आयोग व 12 जिला आयोगों के अध्यक्ष के पद काफी समय से रिक्त होना और नियमानुसार कार्यकाल समाप्त होने से छः माह पूर्व से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू न करना है। राज्य में दस वर्ष से फैसले के इंतजार वाले 182 केसों में 41 जिला आयोगों एवं 20 राज्य आयोगों में उपभोक्ता शिकायतें व 121 प्रथम अपील केस शामिल हंै। राज्य व जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष के पद रिक्त होने के कारण उपभोक्ता न्याय के तमाम मामले लटके हुए हैं और उपभोक्ताओं को न्याय नहीं मिल पा रहा है।
सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड उपभोक्ता आयोग से लम्बित उपभोक्ता केसों तथा कार्यरत जिला आयोगों व रिक्त पदों सम्बन्धी विवरणों की सूचना चाही थी। इसके उत्तर में राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तराखंड की लोक सूचना अधिकारी प्रशासन अधिकारी वन्दना शर्मा ने अपने पत्रांक 151 दिनांकित 16 मार्च 2024 के साथ सम्बन्धित विवरण उपलब्ध कराये हैं। उपलब्ध विवरण के अनुसार राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग मेें अध्यक्ष का पद 04 जनवरी 2024 से तथा सदस्य (न्यायिक) तथा सदस्य (सामान्य) के पद 01 जनवरी 2022 से रिक्त हैं जबकि 13 जिलों में से 12 जिला आयोगो के अध्यक्षों के पद रिक्त हैं इसमें देहरादून का मार्च 2022 से, हरिद्वार का दिसम्बर 2022 से, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, चमोली, रूद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़ के अध्यक्षों कंे पद मई 2023 तथा उधमसिंह नगर के उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष का पद दिसम्बर 2023 से रिक्त हैं। इसके कारण राज्य आयोग तथा 3 जिला आयोगों का कार्य तो प्रभावित हुआ है तथा 10 जिला आयोगों में केसों के निपटारे का काम बिल्कुल ही बंद हैं। तीन जिला आयोगों नैनीताल, अल्मोड़ा तथा बागेश्वर में केसों का निपटारा भी इसलिये हो पा रहा हंैं कि प्रदेश में एकमात्र नैनीताल जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष रमेश कुमार जयसवाल अल्मोड़ा व बागेश्वर जिला आयोग के अध्यक्षों का अतिरिक्त कार्य भार देख रहे हैं।
उपलब्ध विवरण के अनुसार वर्ष 2023 के अंत में राज्य व जिला उपभोक्ता आयोगों में 4760 उपभोक्ता केस लंबित हैं। इसमें जिला उपभोेक्ता आयोगों में 3585 उपभोक्ता शिकायतों सम्बन्धी केस तथा राज्य उपभोक्ता आयोग में 72 उपभोक्ता शिकायतों तथा 1103 प्रथम अपील सम्बन्धी केस शामिल हैं। वर्ष 2023 में जिला उपभोक्ता आयोगों में 970 केस तथा राज्य आयोग में 113 प्रथम अपील तथा 03 उपभोक्ता शिकायत सम्बन्धी केस फाइल हुये हैं। इस अवधि में राज्य आयोग ने 28 शिकायतों तथा 407 अपीलों तथा जिला आयोगों ने 470 उपभोक्ता शिकायतों का निपटारा किया है।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अनुसार, उपभोक्ता शिकायतों तथा अपीलों को तीन माह (प्रयोग शाला वाली शिकायतों के मामलों में पांच माह) मे केसों का फैसला करने का प्रावधान है लेकिन राज्य में 10 वर्ष से अधिक पुराने भी 32 केस लम्बित है। इसमें जिला आयोगों में 7 तथा राज्य आयोग में 20 अपील तथा 5 उपभोक्ता शिकायत सम्बन्धी केस शामिल हैं। राज्य में दस वर्ष से फैसले के इंतजार वाले 182 केसों में 41 जिला आयोगों तथा 20 राज्य आयोगों में उपभोक्ता शिकायतें तथा 121 प्रथम अपील केस शामिल है। सात वर्ष से फैसले के इंतजार वाले 284 केसों में 103 जिला आयोगों तथा 29 राज्य आयोग में शिकायतें तथा 152 प्रथम अपील लम्बित हैं। पांच साल से फैसले के इंतजार में 717 केसों में 364 जिला आयोग तथा 11 शिकायतें व 342 अपील राज्य आयोग में लम्बित हैं। तीन साल से लंबित 765 केसों में 648 जिला आयोगों तथा 1 राज्य आयोग में उपभोक्ता शिकायतें तथा 116 अपील फैसले के इंतजार में हैं। दो वर्ष से लम्बित 1488 केसों में 1245 जिला आयोगों तथा 243 राज्य आयोग में अपील शामिल हैं। छः माह से एक वर्ष तक अवधि से लम्बित केसों में 682 केसों में 614 जिला आयोग तथा 68 राज्य आयोग में अपील केस शामिल है। छः माह से कम समय से लम्बित 474 केसों में 446 उपभोक्ता शिकायतें जिला आयोगों तथा 2 राज्य आयोग तथा 26 अपीलेे राज्य आयोेग में 31 दिसम्बर 2023 को लंबित हैं।