मुख्यमंत्री का छात्रों के आंदोलन पर भावपूर्ण संदेश

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देहरादून। अलग राज्य का सपना हमारे शहीदों और आंदोलनकारियों ने इसलिए साकार किया था ताकि उत्तराखंड के हर बेटे-बेटी का जीवन बेहतर हो, किसी का अहित न हो। आज जब हमारे कुछ बच्चे सड़कों पर हैं, तो मैं उन्हें यही कहना चाहता हूँ कि वे भी हमारे अपने हैं, हमारे परिवार का हिस्सा हैं।
प्रदेश का ‘मुख्य सेवक’ होने के नाते, हर आवाज को सुनना, हर पीड़ा को समझना और हर दिल तक पहुँचना मेरा दायित्व है। आंदोलन कर रहे युवा भी हमारे अपने हैं। इसलिए हमारी सरकार वर्ष 2023 में देश का सबसे पहला सख्त नकल विरोधी कानून लेकर आई, पर जैसा हमेशा होता रहा है, कुछ लोग कानून का उल्लंघन करते हैं, ऐसे हाकमो और उनके हाकिमों को हम इस बार ऐसा सबक सिखाएंगे कि ऐसे लोग कभी भूल नहीं पाएंगे। पर मैं अपने छात्रों को बता देना चाहता हूं कि किसी के साथ भेदभाव या मनभेद की भावना हमारे मन में कभी नहीं रही। हम सब एक परिवार हैं और परिवार का उद्देश्य परिवार के सभी सदस्यों का कल्याण होता है। मैं, सभी से आग्रह करता हूँ कि संवाद और विश्वास की राह पर आगे बढ़ें।
हम मिलकर उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने विकल्प रहित संकल्प को मिलकर पूर्ण करेंगे।

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