हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों को किया गया सम्मानित
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देहरादून। उत्तरांचल प्रेस क्लब में हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर एक गरिमामय समारोह में प्रदेश के वरिष्ठ और सक्रिय पत्रकारों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि महानिदेशक सूचना व विशिष्ठ अतिथि डॉ. देवेन्द्र भसीन, वक्तागण गिरीश चन्द्र गुरूरानी, निशिथ जोशी, रमेश भट्ट, ज्योत्सना व प्रेस क्लब अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह कण्डारी, महामंत्री सुरेन्द्र डसीला, कोषाध्यक्ष अनिल चंदोला, स्मारिका के संपादक शूरवीर भण्डारी ने संयुक्त रूप से स्मारिका ‘गुलदस्ता’ का विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि महानिदेशक सूचना एवं लोक संपर्क विभाग बंशीधर तिवारी ने सभी पत्रकारों को हिन्दी पत्रकारिता दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन में पत्रकारिता की अहम भूमिका रही है। पत्रकारों ने स्वतंत्र आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाया।
महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि जिस तरह आज हिन्दी में अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग किया हो रहा है, उससे हिन्दी को अपने शुुद्धतम स्वरूप में बचाए रखना एक चुनौती है। उन्होंने आलोचना को सूचना के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के सामूहिक बीमा योजना/गोल्डन कार्ड की तर्ज पर स्वास्थ्य सुविधा के लिए अगले हफ्ते बीमा संगठनों और पत्रकार संगठनों की बैठक बुलाई गई है। जिला/तहसील स्तर पर पत्रकारों को मान्यता देने की प्रक्रिया गतिमान है, साथ ही मीडिया संस्थानों का मान्यता प्राप्त पत्रकारों का कोटा भी बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हमेशा सजग रहते है। उन्होंने कहा कि उत्तरांचल प्रेस क्लब की नजूल भूमि को फ्री-होल्ड करने का प्रस्ताव शासन को भेज रखा है जिसे शीघ्र ही कैबिनेट में रखा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही उत्तरांचल प्रेस क्लब के नए भवन का निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया नियमावली का ड्राफ्ट सुझाव के लिए सूचना विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। उन्होंने पत्रकारों से अपील की है कि जल्द से जल्द अपने सुझाव दंे ताकि सोशल मीडिया नीति को अंतिम रूप दिया जा सके।
विशिष्ठ अतिथि डॉ. देवेन्द्र भसीन ने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। आज जब सूचना का प्रवाह तेज़ है, तब पत्रकार की जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है। सच को बिना भय और पक्षपात के सामने लाना ही सच्ची पत्रकारिता है। हमें गर्व है कि हिन्दी पत्रकारिता ने हमेशा समाज की आवाज़ को मजबूती दी है। वक्ता गिरीश चन्द्र गुरूरानी ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता ने हर दौर में अपनी प्रासंगिकता सिद्ध की है। चाहे वो आज़ादी की लड़ाई हो या आज का डिजिटल युग। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पत्रकारिता का उद्देश्य जनसेवा है, न कि सनसनी।
वक्ता निशिथ जोशी ने कहा कि आज की पत्रकारिता चुनौतियों के दौर से गुजर रही है। तथ्यों की जांच और ज़िम्मेदार रिपोर्टिंग ही इसकी पहचान है। हमें भाषा, भाव और भरोसे दृ इन तीनों का संतुलन बनाकर काम करना होगा। वक्ता रमेश भट्ट ने कहा कि पत्रकार सिर्फ खबर नहीं देता, वह समाज को दिशा भी देता है। हिन्दी पत्रकारों को चाहिए कि वे अपनी भाषा की ताकत को पहचानें और जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता दें।
वक्ता ज्योत्सना ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता ने ग्रामीण भारत और आम जनमानस की आवाज़ को मंच दिया है। आज आवश्यकता है कि हम तकनीक और संवेदनशीलता, दोनों का उपयोग करते हुए जनपक्षधर पत्रकारिता को आगे बढ़ाएं। उत्तरांचल प्रेस क्लब अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह कण्डारी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन प्रेस क्लब महामंत्री सुरेन्द्र सिंह डसीला व कोषाध्यक्ष अनिल चन्दोला ने किया।
इसके अलावा अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे। सम्मानित पत्रकारों की सूची में 50 से अधिक नाम शामिल हैं’’, जिनमें वरिष्ठ पत्रकार, फोटो व वीडियो जर्नलिस्ट और सोशल मीडिया पत्रकार भी शामिल हैं।