उत्तराखण्ड में विद्युत उपभोक्ताओं पर पड़ी महंगाई की मार

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देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर आम उपभोक्ताओं को महंगाई का करंट लगने जा रहा है। दरअसल, प्रदेश में उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने विभिन्न वर्ग के लिए बिजली के दामों में बढ़ोतरी की घोषणा की है। इसमें फिक्स चार्ज में बढ़ोतरी नहीं की गई है। प्रति यूनिट बिजली के दाम करीब 33 पैसे तक बढ़ाए गए हैं।
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश में घरेलू और व्यावसायिक समेत विभिन्न वर्ग के उपभोक्ताओं के लिए नई दरों की घोषणा की है। आयोग ने पिछले साल के टैरिफ के लिहाज से घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 33 पैसे की दर से वृद्धि की है। इसी तरह व्यवसायिक उपभोक्ताओं के लिए 42 पैसे की वृद्धि की गई है। छोटी इंडस्ट्री के लिए 36 पैसे और बड़ी इंडस्ट्री के लिए 46 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। उधर इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन में 65 पैसे की बढ़ोतरी सुनिश्चित की गई है।
प्रदेश में उपभोक्ताओं के बिजली उपयोग के लिहाज से बिजली बढ़ोतरी की दरों को देखें तो जीरो से 100 यूनिट तक उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के लिए अब 25 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह 101 से 200 यूनिट तक उपयोग करने वालों को अब प्रति यूनिट 35 पैसे अधिक देने होंगे। 201 यूनिट से 400 यूनिट के उपयोग वाले उपभोक्ताओं के लिए 45 पैसे की वृद्धि की गई है। 400 यूनिट से अधिक उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के लिए 45 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी हुई है।
एक तरफ जहां आयोग ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली के दाम बढ़े हैं तो वहीं उच्च हिमालय क्षेत्र में रहने वाले उपभोक्ताओं को भी महंगाई का झटका दिया है। हिमाचली क्षेत्र में रहने वाले उपभोक्ताओं के लिए करीब 10 पैसे प्रति यूनिट बिजली दर में बढ़ोतरी की गई है। सरकारी और शैक्षणिक संस्थाओं के साथ चिकित्सालयों के लिए 25 किलोवाट तक उपयोग करने पर 30 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है। 25 किलोवाट से अधिक उपयोग करने पर 35 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी हुई है।
व्यवसायिक उपभोक्ताओं के लिए भी बिजली के दाम बढ़ें हैं। यहां भी फिक्स चार्ज नहीं बढ़ाया गया है। 4 किलोवाट तक उपयोग करने वाले व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए 35 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। 25 किलो वाट तक का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के लिए 40 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। आयोग ने फिक्स चार्ज के रूप में केवल उन बड़े उद्योगों पर बोझ बढ़ाया है जो आम किसान के रूप में अब तक लाभ ले रहे थे। ऐसे कृषि उत्पादों से जुड़े उद्योगों को फिक्स चार्ज के रूप में अब 75 रुपए से 100 रुपये तक का फिक्स चार्ज देना होगा।

गरीब जनता को 100 यूनिट तक 50 प्रतिशत सब्सिडी के साथ महंगाई का वार
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने जन्मदिन पर राज्य के निर्धन विद्युत उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी थी। 100 यूनिट तक विद्युत खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को 50 प्रतिशत सब्सिडी देने की घोषणा की थी। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में यह मानक 200 यूनिट तक किया गया था। एक किलोवाट तक विद्युत भार वाले उपभोक्ता यह सुविधा दी गई थी। उम्मीद जताई जा रही थी की यह सुविधा प्रदेश के लगभग 11.50 लाख उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिलेगा। लेकिन कुछ महीनों बाद ही मुख्यमंत्री की घोषणाओं से राहत खत्म होती नजर आ रही है। क्योंकि विद्युत मूल्य बढ़ने से मध्यमवर्गीय परिवारों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा उनका सब बजट गड़बड़ा जाएगा।

ऊर्जा निगम के स्मार्ट मीटर का कमाल, एक महीने में 46 लाख 60 हजार का बिल
देहरादून। नैनीताल जिले के हल्द्वानी में तो इस बार ऊर्जा निगम ने कमाल ही कर दिया। हल्द्वानी में जिस व्यक्ति ने एक महीना पहले ही स्मार्ट मीटर लगवाया था, उसका 46 लाख 60 हजार रुपए का बिल आ गया। इससे न सिर्फ उपभोक्ता, बल्कि ऊर्जा निगम भी हैरान है। आखिर कैसे नए मीटर में 46 लाख 60 हजार रुपए का बिल आ सकता है।
स्मार्ट मीटर ने ये कारनामा हल्द्वानी नगर निगम के वार्ड संख्या 43 अरावली वाटिका छड़ायल निवासी हंसा दत्त जोशी के यहां किया है। बताया जा रहा है कि हंसा दत्त जोशी के यहां ऊर्जा निगम ने महीने भर पहले ही स्मार्ट मीटर लगाया गया था। महीने भर बाद हंसा दत्त जोशी को जो बिल मिला, उसे देखकर तो उनके पैरों तले की जमीन खिसक गई। क्योंकि बिल दो-चार हजार रुपए का नहीं, बल्कि 46 लाख 60 हजार रुपए का था। हंसा दत्त जोशी ने मामले की शिकायत ऊर्जा निगम के अधिकारियों से की। हंसा दत्त जोशी ने बताया कि महीना भर पहले ही कुछ कर्मचारी उनके घर पर आकर स्मार्ट मीटर लगा गए थे। दो दिन पहले ही उनका ऑनलाइन बिजला का बिल आया। यह बिल 46 लाख 60 हजार से अधिक था।
उन्होंने बताया कि बिल की धनराशि देख वह परेशान हो गए। उन्होंने इसकी शिकायत ट्रांसपोर्ट नगर स्थित ऊर्जा निगम के दफ्तर में की, जहां से उन्हें हीरानगर स्थित कार्यालय भेजा गया। अधीक्षण अभियंता विद्युत विभाग नवीन मिश्रा ने बताया कि 24 मार्च को पुराना विद्युत मीटर बदलकर स्मार्ट मीटर लगाया गया था। पुराने मीटर की एलईडी खराब होने के चलते मीटर रीडिंग में गड़बड़ी हुई है। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। अगर इसमें लापरवाही पाई गई है तो मीटर लगाने वाली कार्यदाई संस्था के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उपभोक्ता के विद्युत मीटर को दोबारा से चेक कराया गया है। उसका न्यूनतम बिजली बिल करीब 400 रुपये आया है और उपभोक्ता को न्यूनतम बिल जमा करने के लिए कहा गया।

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