जियोथर्मल एनर्जी से बिजली बनाने की दिशा में उत्तराखंड ने बढ़ाया कदम आइसलैंड की कंपनी के साथ किया एमओयू साइन
1 min readदेहरादून। उत्तराखंड सरकार सौर ऊर्जा के साथ ही जियोथर्मल एनर्जी से बिजली बनाने को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार ने जियोथर्मल एनर्जी की संभावनाओं को तलाशने के लिए आइसलैंड की कंपनी वर्किस के साथ एमओयू साइन किया है।
शुक्रवार को देहरादून सचिवालय में उत्तराखंड सरकार और आइसलैंड की कंपनी वर्किस कंसल्टिंग इंजीनियर्स के बीच उत्तराखंड में भू-तापीय ऊर्जा के अन्वेषण और विकास के लिए समझौता साइन किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी और आइसलैंड के राजदूत डॉक्टर बेनेडिक्ट हॉस्कुलसन भी मौजूद रहे। सीएम पुष्कर सिंह धामी खटीमा से इस कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस समझौता ज्ञापन को उत्तराखंड के साथ-साथ देश की ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास के क्षेत्र में एक माइलस्टोन बताया। सीएम ने कहा कि भू-तापीय ऊर्जा के इस एमओयू के माध्यम से न केवल स्वच्छ और नवीनीकरण ऊर्जा का लक्ष्य प्राप्त होगा, बल्कि पर्यावरणीय सुरक्षा सुनिश्चित रहते हुए समावेशी विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
आइसलैंड भू-तापीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी देश है और इनके तकनीकी सहयोग व अनुभव से उत्तराखंड भू-तापीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण राज्य बनकर उभरेगा। सीएम ने कहा कि भारत सरकार के तीन महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से इसकी अनापत्ति भी मिल चुकी है। साथ ही कहा कि राज्य में भू-तापीय ऊर्जा की व्यवहारिकता के अध्ययन का व्यय भार का वहन आइसलैंड सरकार की ओर से किया जाएगा। बता दें कि भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण और वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान देहरादून की ओर से किए गए अध्ययन के अनुसार उत्तराखंड में करीब 40 जियोथर्मल स्प्रिंग्स चिन्हित किए गए हैं, जिसमें भू-तापीय ऊर्जा का दोहन किया जा सकता है।
एमओयू के मुख्य बिंदु
उत्तराखंड में भू-तापीय ऊर्जा के अन्वेषण और विकास में जुड़ेगा नया आयाम।
आइसलैंड की कंपनी वर्किस की विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा।
उत्तराखंड के साथ-साथ देश की ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास में माइलस्टोन होगा साबित।
उत्तराखंड में भू-तापीय ऊर्जा के दोहन योग्य 40 भू-तापीय स्थल चिन्हित।
भारत के 2070 के कार्बन न्यूट्रल बनने के संकल्प में होगा सहायक।
उत्तराखंड में भू-तापीय ऊर्जा के अन्वेषण और विकास को लेकर किया गया एमओयू।