देवभूमि उत्तराखंड में शारदीय नवरात्रि की धूम

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देहरादून। शारदीय नवरात्रि की शुरूआत गुरुवार से हो चुकी है। 3 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि है। पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा होती है। इसी क्रम में उत्तराखंड में भी शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां के मंदिरों में श्रद्धालु की भारी भीड़ देखी गई। श्रद्धालुओं ने जगत-जननी की पूजा- अर्चना करके अपने और अपने परिवार की सुख-सृमद्धि की कामना की।
लक्सर में शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मुख्य बाजार स्थित मां जगदंबा के प्राचीन मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। श्रद्धालुओं ने मां को जल, पुष्प और फल अर्पित करके मां की आराधना की। साथ ही घर में मां के कलश की स्थापना की।
हल्द्वानी में बेरी पड़ाव स्थित अष्टादस भुजा महालक्ष्मी मंदिर में भी दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना की और मां का आशीर्वाद लिया। अष्टादस भुजा महालक्ष्मी मंदिर में मां दुर्गा के सभी नौ रूप विद्यमान हैं। मान्यता है कि यह देवालय श्री हरि विष्णु की अर्धांगिनी देवी महालक्ष्मी को समर्पित है। यहां पर माता लक्ष्मी की जो प्रतिमा स्थापित की गई है, उसकी 18 भुजाएं हैं। इसलिए इस मंदिर का नाम अष्टादश भुजा मंदिर रखा गया है।
काशीपुर के प्राचीन मां चामुंडा देवी मंदिर और मां बाल सुंदरी देवी मंदिर सहित नगर के अनेक मंदिरों में श्रद्धालु पहुंचे और पूजा- अर्चना की। सभी मंदिरों में मां के जयकारे गूंजने से वातावरण भक्तिमय हो गया। इस दौरान महिलाओं ने मंदिर में मां भगवती के गीत गाए। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-अर्चना विशेष फलदायी मानी जाती है।

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