दयारा बुग्याल में खेली गई दूध-मक्खन व मठ्ठे की होली

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देहरादून। उत्तरकाशी में समुद्रतल से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित दयारा बुग्याल में अंढूड़ी उत्सव (बटर फेस्टिवल) धूमधाम से मनाया गया। उत्सव की शुरूआत सोमेश्वर देवता की डोली की पूजा-अर्चना के साथ हुई। इस दौरान उत्सव में सैकड़ों की संख्या में पहुंचे ग्रामीण व पर्यटक ढोल-दमाऊं आदि पारंपरिक वाद्य यंत्रों की थाप और लोक गीतों पर जमकर थिरके। कृष्ण के स्वरूप ने मटकी तोड़ कर दूध-मक्खन व मठ्ठे की होली की शुरूआत की गई। इसके बाद लोगों ने एक दूसरे को मक्खन व मठ्ठे से सराबोर कर दिया।
दयारा पर्यटन उत्सव समिति की ओर से आयोजित बटर फेस्टिवल में पहुंचे मुख्य अतिथि गंगोत्री विधायक सुरेश चैहान और विशिष्ट अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष सतेंद्र राणा का ब्रह्मकमल की माला पहनाकर स्वागत किया गया। इसके बाद सोमेश्वर देवता की डोली की पूजा-अर्चना की गई, जिसमें कृष्ण के स्वरूप नब्बी बत्र्वाल व राधा बनी किरन नेगी के साथ समिति के पदाधिकारी शामिल हुए।
सोमेश्वर देवता की पूजा-अर्चना के बाद मटकी फोड़ कार्यक्रम के लिए मक्खन और मठ्ठे को सबसे पहले देव डोली के समक्ष रखा गया। इस दौरान लोक गायक सुरेंद्र राणा व गायिका सीमा पंगरियाल ने कान्हा तेरी मुरली बजी, गोपियों के संग..आदि भजनों व लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति दी। पिचकारियों से हवा में उछलती मठ्ठे की धार और एक-दूसरे के गालों पर मक्खन मलते लोगों ने जमकर होली खेली।
गंगोत्री विधायक सुरेश चैहान और समिति के अध्यक्ष मनोज राणा ने कहा कि उच्च हिमालय के इस बुग्याल क्षेत्र में पशुपालक अपने पशुओं के साथ रहते हैं। प्रकृति उनके साथ उनके पशुओं की रक्षा करती है। प्रकृति से मिलने वाले प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ के बदले प्रकृति का आभार जताने के लिए यह उत्सव मनाया जाता है। उन्होंने सभी को बटर फेस्टिवल की बधाई दी। छानियों में खीर बनाकर उत्सव मनाया गया।

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