मोह की निवृत्ति करती है शिव कथाः आचार्य सतीश जगूड़ी

देहरादून। सरस्वती विहार विकास समिति देहरादून द्वारा शिव शक्ति मंदिर सरस्वती विहार में शिव महापुराण कथा के पंचम दिवस व्यास जी ने बताया की शिव महापुराण के श्रवण से मोह की निवृति होती है नारद जी ने इक बार  तपस्या की और इंद्र ने वहां  कामदेव को भेज दिया लेकिन शिव कृपा से कामदेव कुछ नही कर सका तो नारद जी को लगा की यहा मेरी कुशलता है  जिसका उन्हे अभिमान हो गया और ब्रह्मा विष्णु ओर शंकर के पास चला गया की मे आपसे ज्यादा तपस्वी हूँ तब भगवान ने माया का महल और सुंदरी बनाई जिसको पाने के लिए विष्णु जी ने शंकर जी  के कहने पर उन्हे बंदर का रूप दे दिया और उनका अभिमान दूर किया।
अवसर पर समिति के अध्यक्ष पंचम सिंह बिष्ट वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीएस चैहान उपाध्यक्ष कैलाश राम तिवारी सचिव गजेंद्र भंडारी अनूप सिंह फर्त्याल, मूर्ति राम विजल्वाण, दिनेश जुयाल, विजय सिंह रावत, सुबोध मैठानी, सोहन सिंहरौतेला,मंगल सिंह कुट्टी, पी एल चमोली, जयप्रकाश सेमवाल, आचार्य उदय प्रकाश नौटियाल, आचार्य सुशांत जोशी,आशीष गुसाई, जयपाल सिंह बर्थवाल, चिंतामणि पुरोहित, बग्वालिया सिंह रावत, आदि उपस्थित थे।

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