चारधाम यात्रा को लेकर खासा उत्साह, 15 लाख से अधिक श्रद्धालु करा चुके पंजीकरण
देहरादून। उत्तराखंड में मई माह में शुरू होने वाली चारधाम यात्रा को लेकर खासा उत्साह है। 15 अप्रैल से प्रारंभ की गई पंजीकरण प्रक्रिया के अंतर्गत अभी तक 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पंजीकरण करा चुके हैं। केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट 10 मई को खुलेंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुलेंगे। इसे अलावा हेमकुंड साहिब के कपाट 15 मई को खुलेंगे। अब तक यमुनोत्री धाम के लिए 253883, गंगोत्री धाम के लिए 277901, केदारनाथ के लिए 521052, बदरीनाथ के लिए 436688 और हेमकुंड साहिब के लिए 23469 तीर्थयात्री अपना पंजीकरण करा चुके हैं।
इस साल चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। पिछले वर्ष 56.31 लाख श्रद्धालुओं ने चारधाम की यात्रा की थी। इस वर्ष चारधाम यात्रा की शुरुआत 10 मई को होगी। उत्तराखंड को देवभूमि या देवताओं की भूमि के रूप में जाना जाता है, कई मंदिर यहां हैं। यह देवभूमि पूरे वर्ष भक्तों का स्वागत करती है। उत्तराखंड में श्रद्धालु जिन अनगिनत धार्मिक स्थलों और सर्किटों का दौरा करते हैं, उनमें से सबसे प्रमुख चार धाम यात्रा है। यह तीर्थयात्रा हिमालय की ऊंचाई पर स्थित चार पवित्र स्थलों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा है। ऊंचाई पर स्थित ये चार धाम हर साल लगभग छह महीने के लिए बंद रहते हैं, गर्मियों में (अप्रैल या मई) खुलते हैं और सर्दियों की शुरुआत (अक्टूबर या नवंबर) के साथ बंद हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि चार धाम यात्रा को दक्षिणावर्त दिशा में पूरा करना चाहिए। इसलिए, तीर्थयात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है, गंगोत्री की ओर बढ़ती है, केदारनाथ तक जाती है और अंत में बद्रीनाथ पर समाप्त होती है। यात्रा सड़क या हवाई मार्ग से पूरी की जा सकती हैं। कुछ भक्त दो धाम यात्रा या दो तीर्थों केदारनाथ और बद्रीनाथ की तीर्थयात्रा करते हैं। उत्तरकाशी जिले में यमुना नदी (गंगा नदी के बाद दूसरी सबसे पवित्र भारतीय नदी) के स्रोत के करीब एक संकीर्ण घाटी में स्थित यमुनोत्री मंदिर, देवी यमुना को समर्पित है। उत्तरकाशी जिला देवी गंगा को समर्पित गंगोत्री का भी घर है, जो सभी भारतीय नदियों में सबसे पवित्र है। रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ भगवान शिव को समर्पित है। बदरीनाथ, पवित्र बद्रीनारायण मंदिर का घर, भगवान विष्णु को समर्पित है। चार धाम यात्रा जितनी दिव्य है उतनी ही कठिन भी लेकिन आत्मा को तृप्त करने वाली है।
तीर्थयात्रियों को देव दर्शनों के दौरान लम्बी कतारों एवं अधिक समय तक प्रतिक्षा न करनी पड़े इसके लिए चारधाम यात्रा में धामों के दर्शन के लिए टोकन/स्लॉट की व्यवस्था प्रारम्भ की गयी है। चारधाम यात्रा से पूर्व यात्रा मार्गांे पर स्थित जीएमवीएन के गेस्ट हाउसों के लिए श्रद्धालुओं ने 22 फरवरी 2024 से अभी तक 80533229.00 (आठ करोड़ पांच लाख तैंतीस हजार दो सो उनतीस) की बुकिंग करवा ली है और यह आंकड़ा लगातार बढता जा रहा है। यात्रा काल में 115 उपनल और पी०आर०डी० के माध्यम से पर्यटक सुरक्षा, सहायता मित्रों की तैनाती की जा रही है। चारधाम यात्रा के दौरान सफाई व्यवस्था पर विशेष फोकस रहेगा। यात्रा मार्गांे पर वर्तमान में सुलभ इन्टरनेशनल संस्था के माध्यम से 1584 सीटों वाले 147 स्थाई शौचालयों की व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त चारधाम यात्रा मार्गांे यथा गंगोत्री तथा यमुनोत्री मार्ग पर 82 सीट, जनपद रूद्रप्रयाग के अन्तर्गत विभिन्न स्थलों पर निर्मित कुल 251 सीट, जनपद चमोली के यात्रा मार्ग पर 60 सीट एवं हेमकुण्ड साहिब यात्रा मार्ग पर 80 सीट स्टील फ्रेम शौचालयों का संचालन किया जा रहा है।