डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग का अर्लट, स्वास्थ्य सचिव ने जारी की गाइडलाइंस

देहरादून। राज्य में डेंगू व चिकनगुनिया के मरीजों को देखते हुए उनकी रोकथाम व उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को गाइडलाइन जारी की है। जिलाधिकारियों व सीएमओ को 20 बीस महत्वपूर्ण बिंदुओं की गाइडलाइंस जारी की गई है। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार लगातार डेंगू व चिकनगुनिया रोकथाम के लिए लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के सुझाव पर स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू व चिकनगुनिया मरीजों के उपचार व रोकथाम के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा विगत वर्षों से डेंगू व चिकनगुनिया रोग राज्य में एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में परिलक्षित हो रहा है। डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग का वेक्टर एडिज मच्छर है। जुलाई से नवम्बर माह तक का समय डेंगू वायरस के संक्रमण के लिये अनुकूल होता है। डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग एक मच्छर जनित रोग है जो कि कूलर, फूलदान, गमले, खुली पानी की टंकी, पुराने टायर, एकत्रित कबाड, इत्यादि में जमा पानी में पैदा होते हैं। डेंगू रोग के रोकथाम के लिए जन सहभागिता अत्यन्त आवश्यक है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग की समुचित रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु अन्य समस्त विभागों की भी महत्वपूर्ण भागीदारी होती है। समस्त विभागों द्वारा डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु उनके द्वारा की जाने वाली गतिविधियां समयान्तर्गत की जायें। डेंगू मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए की जाने वाली समस्त गतिविधियां समस्त विभाग निरन्तर करते रहें ताकि डेंगू के मच्छर को पनपने से रोका जा सकें और इसकी सूचना जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरन्तर प्राप्त की जाए। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग पर रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु ब्लाक वार डपबतव च्संद बनाकर कार्यवाहिया करना सुनिश्चित करे व उक्त माइक्रोप्लान राज्य एन०वी०बी०डी०सी०पी० यूनिट को प्रेषित किये जायें। नगर निगमों द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया जाये ताकि डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग की समुचित रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु अन्य समस्त विभागों की भी महत्वपूर्ण भागीदारी होती है। समस्त विभागों द्वारा डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु उनके द्वारा की जाने वाली गतिविधियां समयान्तर्गत की जायें।
डेंगू मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए की जाने वाली समस्त गतिविधियां समस्त विभाग निरन्तर करते रहें ताकि डेंगू के मच्छर को पनपने से रोका जा सकें और इसकी सूचना जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरन्तर प्राप्त की जाए। डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग पर रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु ब्लाक वार माइक्रों प्लान बनाकर कार्यवाहिया करना सुनिश्चित करे व उक्त माइक्रोप्लान राज्य एन०वी०बी०डी०सी०पी० यूनिट को प्रेषित किये जायें। नगर निगमों द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया जाये ताकि डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सकें। डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग पर नियंत्रण हेतु लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्शन) एक कारगर व उपयुक्त उपाय है, जिसके लिए नगर निगम/नगर पालिका आशा कार्यकत्री व अन्य विभागों के सहयोग से टीमें बनाकर क्षेत्र में कार्यवाही की जाए। डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए नगर निगम/नगर निकाय द्वारा आवश्यकतानुसार फॉगिग की जाये। जनजागरूकता व जनसहभागिता हेतु आई०ई०सी० संसाधनो का समुचित्त व समयान्तर्गत उपयोग करें।
डेंगू एवं चिकनगुनिया रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों जैसे नगर निगम, शिक्षा विभाग, ग्राम्य एवं शहरी विकास, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, लोक निर्माण, जल संस्थान, जल निगम आदि के सहयोग व अंतर्विभागीय समन्वय हेतु जनपद स्तर पर बैठकों का समय से आयोजन किया जाए व उनके कार्यवृत्त राज्य एन०वी०बी०डी०सी०पी० यूनिट को प्रेषित किये जायें। जनपदों के चिकित्सालयों (जिला/बेस व मेडिकल कालेज) में भारत सरकार की गाईडलाइनके अनुसार आवश्यक कार्यवाही जैसे पृथक डेंगू आईसोलेशन यार्डतैयार करमच्छरदानी युक्त पर्याप्तबेड की उपलब्धता, ैजंदकंतक ब्ंेम डंदंहमउमदज आदि सुनिश्चित करें एवं डेंगू आइसोलेशन वार्ड के लिए नोडल अधिकारी नामित करें। डेंगू एवं चिकनगुनिया रोगियों के समुचित प्रबन्धन हेतु अपने जनपद में चिकित्सा केन्द्रों को पूर्ण रूप से कार्यशील रखें व उनमें पर्याप्त स्वास्थ्य मानव संसाधन जैसे चिकित्सक, नर्स आदि की व्यवस्था सुनिश्चित रखें। डेंगू रोगियों की शुरूआती चरण में पहचान हेतु, फीवर सर्वे किये जायें, लक्षणों के आधार पर डेंगू रोग की संदिग्धता होने पर जांच की जाये। डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग की रोकथाम के लिए आम जनमानस का सहयोग अत्यन्त आवश्यक है व जन जागरूकता ही एक कारगर उपाय है। अतः आप अपने स्तर से प्रभावी प्रचार प्रसार करवायें। स्वास्थ्य विभाग व आई०एम०ए० प्रतिनिधियों/निजी चिकित्सालयों/पैथोलोजी लैबों के मध्य समन्वय बैठक की जाये ताकि आमजन में डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग के प्रति व्यापत भ्रान्ति/भय को दूर किया जा सके। दृष्टिगत जनपद स्तर पर जिला कार्ययोजना मे भी किसी भी प्रकार की आकस्मिक/आपातकालीन आवश्यकता के डेंगू के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया जाये।

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