अयोध्या में 30 देशों के 90 प्रवासी भारतीयों ने किए रामलला के दर्शन

अयोध्या: हनुमान चालीसा पाठ व श्रीरामलला के जयकारों के साथ सोमवार को 30 देशों के 90 अप्रवासी भारतीयों संग 400 श्रद्धालुओं की टोली ने रामलला के दर्शन किए। सभी अभिभूत नजर आए। राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से सभी का भव्य अभिनंदन किया गया। इनका नेतृत्व वैश्विक भारत के ब्रांड एंबेसडर व दिल्ली स्ट्डी ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. विजय जौली ने किया। सभी श्रद्धालुओं को राम नामी दुपट्टा ओढ़ाकर माथे पर चंदन का तिलक लगाया गया। बीती शाम सभी श्रद्धालु सरयू घाट पर आरती में शामिल हुए। इस टोली ने हनुमान गढ़ी मंदिर पहुंचकर रामभक्त बजरंगबली का आशीर्वाद भी लिया।
इस अवसर पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख राम लाल जी, हिंदू परिषद के संरक्षक दिनेश, उज्बेकिस्तान के व्यवसायी अशोक के तिवारी (प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित), भूपेंद्र कंसल (महामंत्री हिमालय परिवार) विशेष रूप से उपस्थित रहे। दल में प्रमुख रूप से भूटान के राजदूत मेजर जनरल वेत्सोप नामग्याल, काउंसलर दोरजिक किंजांग, चीन गणराज्य (ताइवान) प्रतिनिधि कुमारी त्साई जेन चुन, भारत में रोमानिया महावाणिज्य दूत विजय मेहता व टुवालू महावाणिज्य दूत डॉ. दीपक जैन और निर्वासित तिब्बत संसद स्पीकर खेंपो सोनम तेनफेल उपस्थित रहे। दर्शन करने वाले प्रवासी भारतीयों में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, भूटान, कनाडा, कोलंबिया, कंबोडिया, जॉर्जिया, गुयाना, केन्या, कजाकिस्तान, मलेशिया, मोजाम्बिक, मकाऊ, नाइजीरिया, नेपाल, नॉर्वे, रोमानिया, रवांडा, स्पेन, सिंगापुर, सिंट मार्टेन, चीन गणराज्य (ताइवान), ताजिकिस्तान, त्रिनिदाद एण्ड टोबैगो, तुवालु, तिब्बत, युगांडा, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त अरब अमीरात, उज्बेकिस्तान, संयुक्त राज्य अमेरिका इत्यादि देशों के प्रतिनिधि शामिल रहे। सभी के भोजन की व्यवस्था दिल्ली के समाजसेवी गोपाल गर्ग ने की।
अयोध्या में हालांकि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हनुमान जयंती मनाने की परंपरा है, लेकिन दक्षिण भारतीय परंपरा में हनुमान जयंती चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस परंपरा का निर्वहन कालेराम मंदिर, जानकी महल ट्रस्ट में किया जाता है। इन मंदिरों में संगीतमयी सुंदरकांड पाठ के साथ अन्य अनुष्ठान होंगे। सिद्ध पीठ नाका हनुमानगढ़ी में महंत रामदास के संयोजन में हनुमान जयंती पर सुबह सुंदरकांड का पाठ होगा। विराजमान हनुमान जी को सवामनी लड्डुओं का भोग लगाकर शाम को भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। रामनगरी की प्राचीन पीठ हनुमान किला के महंत रामभजन दास रामायणी बताते हैं कि रामभक्त भगवान हनुमान को कलयुग का देवता माना गया है। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी भगवान शिव के 11वें अवतार हैं। उन्हें चिरंजीवी होने का आशीर्वाद प्राप्त है। हनुमान जी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करने के लिहाज से हनुमान जयंती का दिन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए इस दिन भक्तों को रामायण, रामचरित मानस, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान बाहुक आदि का पाठ करना चाहिए।

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