उत्तराखंड में नक्शे को थर्ड पार्टी अप्रूवल को कैबिनेट ने दी मंजूरी
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देहरादून। प्रदेश में अब छोटे और एवं निम्न जोखिम वाले भवनों का नक्शा पास करवाने के लिए विकास प्राधिकरण के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अब छोटे और एवं निम्न जोखिम वाले भवनों का नक्शा थर्ड पार्टी से ही पास करवा सकेंगे। इसके लिए भारत सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत सभी राज्यों को निर्देश जारी किए थे। ऐसे में राज्य सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत अधीन भवन मानचित्र स्वीकृत की प्रक्रिया में संशोधन किये जाने की व्यवस्था को धामी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। लिहाजा, अब ऐसे भवन, जो भवन निम्न जोखिम वाले यानी सिंगल रेसिडेंशियल हाउस, छोटे व्यवसाय भवन है उन भवनो को इंपैनल आर्किटेक्चर ने स्वप्रमाणित करते हुए नक्शा पास कराए जा सकते हैं। इसके तहत सम्बन्धित निर्माणकर्ता की ओर से भवन का निर्माण व पुनर्निर्माण के आवेदन के साथ एससी-1, एससी-2 फार्म सहित सभी अभिलेख सक्षम प्राधिकारी के समक्ष अनुमोदन के लिए सूचना प्रस्तुत करेगा कि भवन प्लान न्यून जोखिम श्रेणी के भवन के रूप में इंपैनल आर्किटेक्चर द्वारा स्वप्रमाणित किया गया है। जिसमें सभी प्रकार के शुल्क भी देना होगा।
आवास विभाग के प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा आवास विभाग में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत भारत सरकार ने सभी राज्यों को कुछ डायरेक्शन जारी किए थे। जिसके तहत निम्न जोखिम वाले भवन यानी सिंगल रेसिडेंशियल हाउस या छोटे व्यवसाय भवन के लिए प्राधिकरण में इंपैनल आर्किटेक्चर द्वारा स्वप्रमाणित करते हुए पास करवा सकते हैं। ऐसे में अब निम्न जोखिम वाले भवनों का नक्शा बनवाकर विकास प्राधिकरण से पास करवाने की अनिवार्यता को समाप्त करते हुए एक विकल्प शामिल किया गया है। यानी उत्तराखंड सरकार ने थर्ड पार्टी नक्शा अप्रूवल को सहमति दे दी है। ऐसे में भवन स्वामी निम्मी जोखिम वाले भवन के लिए विकास प्राधिकरण या फिर थर्ड पार्टी से भी नक्शा पास करवा सकते हैं।
इसके साथ ही राज्य सरकार ने हाल ही में विचलन के जरिए उत्तराखण्ड सामान्य औद्योगिक विकास नियंत्रण (संशोधन) विनियमावली, 2025 को लागू करने का निर्णय लिया था। ऐसे में 24 दिसंबर को हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान इस निर्णय की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। दरअसल, कंप्लायंस बर्डन को कम करने, व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने के साथ ही इसे और अधिक स्पष्ट करने के लिए औद्योगिक भूखण्डों के सम्बन्ध में आवश्यक संशोधन विलोपन और परिवर्द्धन की वजह से संशोधन किया गया है। इसके तहत एमएसएमई यूनिटों और इंडस्ट्री यूनिटों के ग्राउंड कवरेज को बढ़ाया गया है।
