पीएम मोदी ने गढ़वाली भाषा में की संबोधन की शुरूआत

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देहरादून। उत्तराखंड राज्य गठन के रजत जयंती समारोह के संबोधन की शुरुआत पीएम मोदी ने गढ़वाली में किया। पीएम मोदी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड का मेरा भाई बंधु, दीदी भूली- दाणा स्यांणा, आप सब्यूथैं म्यार नमस्कार। पीएम मोदी ने अपने पूरे संबोधन में दो बार गढ़वाली में संबोधन किया। साथ ही उत्तराखंड की पिछले 25 साल की विकास गाथा का बखान किया। इस दौरान पीएम मोदी ने उत्तराखंड के लोकल उत्पादों और त्योहारों की जमकर तारीफ की। पीएम मोदी ने संबोधन की शुरुआत में उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान अपना जीवन न्योछावर करने वालों शहीदों को श्रद्धांजलि देकर की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 25 साल पहले नए उत्तराखंड के लिए काफी चुनौतियां थी। साधन सीमित थे, आय का स्त्रोत कम था। लेकिन आज तस्वीर बदल चुकी है। 25 साल पहले उत्तराखंड का सालाना बजट 4 हजार करोड़ हुआ करता था। लेकिन आज बढ़कर 1 लाख करोड़ पार कर चुका है। इसके अलावा 25 साल में बिजली उत्पादन 4 गुना बढ़ी। सड़कों की लंबाई दोगुनी हुई। पहले एक मेडिकल कॉलेज था। आज 10 मेडिकल कॉलेज हैं। इस दौरान उन्होंने फिर गढ़वाली में कहा कि पैली पहाड़ौं की चढ़ै, विकासै बाढ़ रोक देंद छै, अब वखी बटी नई बाट खुलन लगी।
उन्होंने आगे कहा, देवभूमि उत्तराखंड, भारत के आध्यात्मिक जीवन की धड़कन है। चारधाम, जागेश्वर, आदि कैलाश अनगिनत तीर्थ आस्था के प्रतीक हैं। जहां हर साल लाखों श्रद्धालु पवित्र धामों की यात्रा करने आते हैं। उत्तराखंड, देश की आध्यात्मिक शक्ति है और उत्तराखंड खुद को स्पिरिचुअल कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड के रूप में स्थापित कर सकता है।

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