जातिवादी आग से खेल रहे हरदा, ब्राह्मण प्रेम का नाटक ढोंगः महेंद्र भट्ट

देहरादून। भाजपा ने पूर्व सीएम हरीश रावत पर जातिवादी राजनीति का आरोप लगाया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने चेताया कि कांग्रेस नेता लगातार शिकस्त की बाजी पलटने के लिए देवभूमि का माहौल दांव पर लगा रहे हैं। पहले तुष्टिकरण, फिर पहाड़ मैदान और अब जातिवादी राजनीति का बीज रोपने की उनकी कोशिश बेहद खतरनाक है। उनका तिवारी, बहुगुणा के दौर में यह प्रेम प्रदेशवासियों ने देखा है। उन्होंने लगातार मीडिया में हरदा के ब्राह्मण समाज को लेकर सामने आ रहे बयानों को बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और गैरजिम्मेदाराना बताया है। मीडिया के लिए जारी अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम हरदा जातिवादी आग से खेलने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें कांग्रेस ही झुलस सकती है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि विधायक, सासंद, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और जनता ने उन्हें ऐसी बड़ी से बड़ी जिम्मेदारी से नवाजा है, ऐसे में हार को स्वीकारने के बजाय वे समाज तोड़ने और माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज हरीश रावत ब्राह्मण समाज के कांग्रेस पार्टी से दूर होने का रोना रो रहे हैं। ये सब झूठी सहानुभूति जताकर लोगों की आंखों में उनके द्वारा धूल झोंकने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम तिवारी और विजय बहुगुणा के साथ उन्होंने कैसा बर्ताव किया जगजाहिर है, लिहाजा ब्राह्मण समाज से झूठी सहानुभूति की उनकी ये साजिश किसी भी कीमत पर सफल नहीं होगी। क्योंकि मुख्यमंत्री एन डी तिवारी और विजय बहुगुणा का दौर भी जनता को अच्छी तरह याद है कि किस तरह हरदा ने उनकी सरकार को लगातार अस्थिर करने का काम किया। यही हरीश रावत जब पंजाब के प्रभारी बनते हैं तो वहां दलित और राजस्थान जाते हैं तो वहां राजपूत मुख्यमंत्री की बात करते हैं। सच तो यह है कि लगातार असफलता से निराश होकर फिर से वे जातिवादी कार्ड खेलकर देवभूमि का माहौल खराब करना चाहते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी देश को बांटने और समाज को तोड़ने की राजनीति आगे बढ़ रही है। राज्य में भी उनकी यही कोशिश है, जिसके क्रम में पहले उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में तुष्टिकरण नीति अपनाई, लेकिन हार गए। लोकसभा चुनाव में सनातन की प्रतिष्ठा पर झूठ फैलाकर राज्य की छवि खराब की, लेकिन पराजित हुए। निकाय चुनावों से पूर्व पहाड़ मैदान में बांटा, लेकिन जनता ने उन्हें किनारा कर दिया। प्रदेश में नफरत का वातावरण बनाकर अपनी राजनैतिक रोटियां सेकने की उनकी आखिरी कोशिश जातिवादी कार्ड भी फ्लॉप हो गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि आज, कांग्रेस पार्टी की पुरानी नीति पर चलते हुए हरीश रावत देवभूमि में जातिवादी राजनीति से सत्ता हथियाना चाहते हैं। उनके द्वारा राज्य को जातियों में बांटने की इस साजिश को भाजपा किसी कीमत भी पर सफल नहीं होने देगी। प्रदेश की जनता बहुत समझदार और जागरूक है, उसने कभी भी जाति आधारित राजनीति को स्वीकार नहीं किया है। लिहाजा राज्य की शांति को भंग करने वाली हरदा की ये कोशिश कांग्रेस पार्टी के अस्तित्व पर ही अंतिम कील साबित होगी।

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