हमें अपनी सैन्य परम्परा और देशभक्ति की विरासत पर गर्वः सीएम

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। इस पुनीत अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों अमर शहीदों, वीर-वीरांगनाओं और राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए, देश और राज्य की प्रगति में अपना योगदान दे रही उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता का भी अभिनंदन किया है। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि उत्तराखंड राज्य आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है, इस वर्ष उत्तरकाशी के धराली सहित राज्य के अन्य क्षेत्रों में आई प्राकृतिक आपदाओं ने जनजीवन को प्रभावित किया है। उन्होंने सभी आपदा प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है, आपदा की इस कठिन परिस्थिति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में सेना, आई०टी०बी०पी०, एन०डी०आर०एफ०, एस0डी0आर0एफ0 सहित राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा जिस तत्परता, समर्पण और साहस के साथ राहत एवं बचाव कार्यों में सहयोग दिया है, उसके लिए भी मुख्यमंत्री ने सभी का आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी सैन्य परम्परा और देशभक्ति की विरासत पर गर्व है। राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिकों के परिजनों को मिलने वाली अनुग्रह अनुदान राशि को बढ़ाकर 50 लाख रुपये, एवं परमवीर चक्र विजेताओं को दी जाने वाली राशि को 50 लाख से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ किया गया है। अग्निवीरों को भी 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिए जाने के लिए नीति तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के प्रति हमारे विजन का ही परिणाम है कि उत्तराखण्ड देश के अग्रणी राज्यों में अपनी पहचान बनाने में सफल रहा है। प्रधानमंत्री जी की अपेक्षाओं के अनुरूप हमारा राज्य, तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। आज उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बन गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में लगभग दो लाख करोड़ की योजनाओं पर कार्य चल रहा है।
उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं। हरिपुर कालसी में यमुना तीर्थ स्थल, हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर परियोजना, शारदा कॉरिडोर परियोजना के साथ मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत प्रथम चरण में 16 पौराणिक मंदिरों को विकसित किया जा रहा है। राज्य में भारतीय संस्कृति, दर्शन और इतिहास के गहन अध्ययन के लिये दून विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज की स्थापना की गई है। जबकि नई शिक्षा नीति लागू करने वाला उत्तराखण्ड़ अग्रणी राज्य बना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 30 से अधिक नई नीतियां लागू की गई हैं। इन्वेस्टर्स समिट में देश-विदेश के उद्यमियों द्वारा 3 लाख 56 हजार करोड़ के एमओयू किये गए। इनमें से एक लाख करोड़ से अधिक की ग्राउंडिंग की जा चुकी है। इससे राज्य में लगभग 81 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत अब तक 35 हजार लोग अपना स्वरोजगार प्राप्त कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना तथा वाईब्रेंट विलेज योजना से राज्य के सीमावर्ती गांवों का विकास हो रहा है। राज्य के स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराने के लिए अंब्रेला ब्रांड ’हाउस ऑफ हिमालयाज’ प्रारम्भ किया गया है। राज्य में एपल, कीवी, ड्रैगन फ्रूट मिशन के साथ सगंध कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य में धर्मांतरण रोकने के लिए बनाए गए कानून को और प्रभावी बनाते हुए, इसे सख्ती से लागू किया जा रहा है। प्रदेश में पहली बार बङे पैमाने पर कार्रवाई कर सात हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त किया गया है। राज्य में जनभावनाओं के अनुरूप सख्त भू-कानून लागू किया गया है। उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू कर नकल माफियाओं पर कार्रवाई की गई है। अब प्रदेश में पूरी पारदर्शिता और समयबद्धता से भर्तियां हो रही हैं। पिछले 04 वर्षों में सरकारी सेवाओं में लगभग 24 हजार से अधिक भर्तियां की जा चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर सभी से अपने देश और प्रदेश को चहुँमुखी विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाने तथा राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने का संकल्प लेने के आह्वान के साथ आदर्श अग्रणी व प्रगतिशील उत्तराखण्ड़ बनाने में सहयोगी बनने की भी अपेक्षा की है।

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