आपदा से हर्षिल में बनी झील का पानी डिस्चार्ज करने की प्रशासन कर रहा कवायद
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उत्तरकाशी। हर्षिल में धराली की तरह 5 अगस्त को आई आपदा के चलते एक बड़ी झील तैयार हो गई। इसकी वजह ये रही कि मलबा पानी के साथ पहाड़ी से आया और भागीरथी के फ्लो को उसने रोक दिया। नदी की कई फीट चौड़ाई बेहद कम होकर संकरी नदी में तब्दील हो गई, जिसके कारण इससे पहले के क्षेत्र में बड़ी झील बनती गई।
यह झील हर्षिल कस्बे से ठीक पहले बनी है। करीब 4 किलोमीटर लंबी इस झील में भारी मात्रा में पानी भरा हुआ है। हालांकि प्रशासन का कहना है कि झील के नीचे भारी मात्रा में मलबा भी है, इसलिए झील की ऊंचाई ज्यादा लग रही है। जबकि इसमें उतना पानी नहीं है, जितना दिखाई दे रहा है।
हर्षिल में बनी यह झील हर्षिल कस्बे और आगे के क्षेत्र के लिए बड़ी मुसीबत भी मानी जा रही है। शायद यही कारण है कि अब इस झील से पानी को निकालने के प्रयास भी किया जा रहे हैं। इस कड़ी में झील में गिरे हुए बड़े-बड़े पेड़ों को काट कर हटाने की कोशिश हो रही है। स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) ने 11 अगस्त उपकरणों के साथ मलबे के साथ बहकर आए और झील में पड़े गिरे हुए पेड़ों को काटकर निकलने की कोशिश शुरू की। इस दौरान उत्तरकाशी जिले के जिलाधिकारी प्रशांत आर्या भी यहां मौजूद रहे। चिंता इस बात की भी है कि यदि झील से पानी एक साथ आगे की तरफ निकाला जाता है तो यह खतरा बन सकता है। इसलिए पानी को धीरे-धीरे डिस्चार्ज करने के लिए कोशिश हो रही है।
इसके आगे हर्षिल के अलावा नदी के किनारे कुछ बसावट भी है, जो खतरे में आ सकती है। जबकि झील में मौजूद बड़ी मात्रा में पानी आगे मनेरी भाली बांध पर भी असर डाल सकता है। फिलहाल नदी से पानी को डिस्चार्ज करने के लिए प्रयास हो रहे हैं और झील के आगे के इलाकों के लिए अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। उधर मनेरी भाली में पानी के स्तर को भी सामान्य किया गया है, ताकि झील से बड़ी मात्रा में पानी बांध तक पहुंचे तो इसका असर बांध पर ना हो।
एसडीआरएफ ने यहां से पेड़ों को हटाने और झील के डिस्चार्ज को बढ़ाने के प्रयासों को ग्राउंड पर देखा, इस दौरान जिलाधिकारी उत्तरकाशी प्रशांत आर्या से भी बात की। जहां डीएम प्रशांत आर्या ने कहा कि, इस झील के पानी को रिलीज करना जरूरी है क्योंकि झील में सिल्ट काफी ज्यादा मात्रा में है। इसके अलावा इस झील के कारण गंगोत्री हाईवे से कनेक्टिविटी प्रभावित हो रही है। इसलिए रोड पर मूवमेंट शुरू करने के लिए पानी हटाना बहुत जरूरी है। हालांकि, पानी इतना ज्यादा नहीं है इससे निचले इलाके में कोई खतरा होगा। इस झील से पानी रिलीज करने के लिए यूजीवीसीएल और एसडीआरएफ की टीम जुटी हुई है।