ब्रह्म ज्ञान से ही होता है विवेक जागृतः मंजू जैन

देहरादून। सन्त निरंकारी मिशन के तत्वाधान में विशाल निरंकारी सन्त महिला संत समागम हरिद्वार रोड बाईपास सन्त निरंकारी सत्संग भवन देहरादून में आयोजित किया गया। जिसमे सद्‌गुरु माता सुदीक्षा जी महराज के पावन संदेश को देने के लिए गाजियाबाद से पधारी केन्द्रीय प्रचारिका बहन मंजू जैन ने अपने अध्यात्मिक विचार करते हुए कहा कि ब्रह्मज्ञान से ही विवेक जागृत होता है। परमात्मा  के साथ नाता जोड़ने  से हमारे हृदय में भक्ति भाव उत्पन्न होने लगते हैं,  इस  निरंकार प्रभु को हाजिर नाजिर मानकर हम अरदास प्रार्थना करते हैं तो हमारा विश्वास मजबूत होने लगता है,  ब्रह्मज्ञान के बाद की यात्रा सद्गुरु पूरी करता है, सद्गुरु ही आत्मा की पहचान कराकर जीवन का कल्याण करता है द्य ब्रह्मज्ञान के बाद जिज्ञासु भक्त के हृदय के अंदर आध्यात्मिक निखार आना शुरू होता है, रिश्ते नातो में  हमें दया करुणा प्रेम के भाव उजागर होने लगते हैं।
ब्रह्मज्ञान ही भक्ति का आधार है जो हमें निरंकार पारब्रह्म परमात्मा के साथ जोड़कर जीवन जीने की कला सिखाता है। इस महिला समागम में मसूरी जोन से लगभग हज़ारो की संख्या में संगते पहुंची, इस समागम में वक्ताओं के द्वारा गढ़वाली, हिंदी, पंजाबी, कुमाउनी एवं अंग्रेजी  भाषा का सहारा लेते हुए विचार, कविता एवं भजन प्रस्तुत किये गए। मसूरी जोन की ब्रांच देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, डोईवाला, सेलाकुई, विकास नगर, बालावाला, प्रेमनगर भोगपुर, मसूरी आदि ब्रांचो के आस पास की सगंते इस महिला सन्त समागम में पहुंची। देहरादून ब्रांच  के संयोजक नरेश विरमानी एवं  मसूरी जोन के जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह ने आयी हुयी साध संगत और सेवादल का आभार प्रकट किया।

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