उत्तराखंड में जल प्रलय, उफान पर बह रहे गाड़ गदेरे

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देहरादून। उत्तराखंड में बीते दिन से मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उत्तराखंड में बीते दिन से भारी बारिश से लोगों के लिए खासा मुसीबत भरे दिन और रात गुजर रहे हैं। प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में बारिश देखने को मिल रही है। प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश के चलते सड़कों पर जलभराव से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश के चलते नदियों का जल स्तर खतरे के स्तर के पास पहुंच गया। हालांकि अधिकांश जगह जल स्तर स्थिर है या कम हो रहा है। सिंचाई विभाग केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोमवार तीन बजे तक मायाकुंड ऋषिकेश में गंगा नदी का खतरे का स्तर 340.50 मीटर है, यहां पर नदी का जल स्तर 338.60 पहुंच गया। यहां पर नदी का जलस्तर कम हो रहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार हरिद्वार में खतरे का जलस्तर 294 मीटर है, यहां पर 292.75 मीटर (शाम चार बजे) पर जल स्तर पर पहुंच गया।
नौ गांव में यमुना नदी के खतरे का स्तर 1060.40 मीटर है, यहां नदी का जल स्तर 1058.64 मीटर पर पहुंचा गया था। यहां पर नदी का जलस्तर स्थिर है। पिथौरागढ़ चमगाढ़ में सरयू का 453 खतरे का जलस्तर है, जो 448 मीटर तक पहुंचा था जो कम हो रहा है। पिथौरागढ़ धारचूला में काली नदी के खतरे का जलस्तर 890 मीटर है, यहां पर नदी का स्तर 889 मीटर तक पहुंच गया था और जौलजीबी में खतरे का स्तर 607.80 मीटर और नदी का स्तर 604.75 मीटर पर पहुंचा था। दोनों जगह पर नदी का जल स्तर कम हो रहा है।
चौखुटिया में रामगंगा का खतरे का स्तर 923.45 मीटर है, यहां पर नदी का जल स्तर 921.75 मीटर तक पर पहुंच गया था और कपकोट में सरयू का जल स्तर 1030.95 मीटर पर पहुंचा था, यहां पर खतरे का स्तर 1034 मीटर है। दोनों जगहों पर नदी का जल स्तर स्थिर बना है। बागेश्वर में सरयू का जल स्तर 866.60 मीटर पर पहुंच गया, यहां खतरे का जलस्तर 870.70 मीटर है, यहां पर जल स्तर स्थिर है। वहीं, जोशीमठ में अलकनंदा और सत्यनारायण में सौंग नदी का जल स्तर बढ़ रहा है। वहीं, टिहरी डैम का अधिकतम जल स्तर 830 मीटर है, यहां पर जल स्तर 803.14 मीटर रहा।

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