रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कार्यशाला का आयोजन

देहरादून। उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र तथा सोसायटी ऑफ पॉल्यूशन एंड एनवायरनमेंटल कंजर्वेशन साइंटिस्ट्स के संयुक्त तत्वावधान में रोबोटिक्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में देहरादून के विभिन्न विद्यालयों के छात्रों ने भाग लिया और आधुनिक विज्ञान व तकनीक से जुड़े विषयों की व्यवहारिक जानकारी प्राप्त की। फूल चंद नारी शिल्प मंदिर गर्ल्स इंटर कॉलेज, देहरादून की छात्राओं ने कार्यशाला में रोबोटिक्स के सिद्धांत, माइक्रोकंट्रोलर, विभिन्न सेंसर, और कोडिंग से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त किया। छात्राओं ने अपने हाथों से ऑब्स्टेकल डिटेक्शन रोबोट, वायर्ड रोबोट तथा वॉयस कंट्रोल रोबोट बनाए और उन्हें संचालित भी किया। इस अनुभव ने उन्हें तकनीकी सोच और नवाचार की दिशा में प्रेरित किया। इस कार्यक्रम में शांति बिष्ट उपप्रधानाचार्य, सुषमा कोहली, मास्टर ट्रेनर सचिन शर्मा एवम अशोक कुमार उपस्थित रहे।
श्री गोवर्धन सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, धर्मपुर के छात्रों ने प्ैत्व् स्पेस ट्यूटर राघव शर्मा से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। श्री शर्मा ने छात्रों को ए.आई. की कार्य प्रणाली, कोडिंग तकनीक और प्रोजेक्ट निर्माण की प्रक्रिया को सरल उदाहरणों के माध्यम से समझाया। इस अवसर पर यूसर्क के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ ओ पी नौटियाल, कार्यक्रम संयोजक नीरज उनियाल, प्रधानाचार्य आशुतोष शर्मा, एवं विद्यालय के शिक्षक सम्मिलित रहे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र, के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ ओ पी नौटियाल ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम भविष्य में रोबोटिक्स एवं ए.आई. प्रोजेक्ट्स में उपयोग किया जा सकेगा। इस प्रकार की गतिविधियाँ छात्रों में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा और रचनात्मकता को बढ़ावा देने में सहायक हो सकती है।
इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को भविष्य की उभरती तकनीकों से जोड़ना और उनमें नवाचार की भावना जागृत करना है। सबसे अहम बात यह है कि रोबोटिक्स और ।प् का प्रारंभिक परिचय बच्चों को भविष्य की तकनीकी दुनिया के लिए तैयार करता है। इस तरह की गतिविधियाँ न केवल सीखने को आनंददायक बनाती हैं, बल्कि बच्चों को एक सक्षम और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर भी अग्रसर करती हैं।उन्होंने कई छोटे छोटे उदाहरणों के माध्यम से अपनी बात को समझाने का प्रयास किया। पीएमश्री राजकीय इंटर कॉलेज, हरबर्टपुर के छात्रों ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सेंसर आधारित सर्किट्स बनाना सीखा।  इस अवसर पर उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र, की निदेशक प्रोफेसर डॉ अनीता रावत, मोना बाली प्रधानाचार्य फूल चंद नारी शिल्प मंदिर गर्ल्स इंटर कॉलेज विशिष्ठ अतिथि, प्रधानाचार्य अवनिंद्र बडथ्वाल व शिक्षक उपस्थित रहे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रोफेसर डॉ अनीता रावत ने रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बच्चों की गतिविधियों में शामिल करना उनके समग्र विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हाथों से कुछ बनाना और प्रयोग करना न केवल उनकी सीखने की प्रक्रिया को रोचक बनाता है, बल्कि समस्या सुलझाने, तार्किक सोच और रचनात्मकता जैसी जरूरी क्षमताओं को भी विकसित करता है। जब बच्चे रोबोट बनाते हैं या उन्हें प्रोग्राम करते हैं, तो वे विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी और कौशल सीखते हैं। ऐसे प्रोजेक्ट अक्सर समूह में किए जाते हैं, जिससे सहयोग और संवाद करने की क्षमता भी बढ़ती है। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए और ऐसी और कार्यशालाएं आयोजित करने की योजना भी साझा की गई।

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