नैनीताल की ट्रैफिक समस्या को लेकर हाईकोर्ट ने जारी किए आदेश

नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने नैनीताल की ट्रैफिक समस्या संबंधी जनहित याचिका में कुछ महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किए हैं। न्यायालय ने बी.ड़ी. पाण्डे अस्पताल के समीप चौड़ी जगह में, तीन गाड़ी मरीजों की और एक एम्ब्युलेंस खड़ी करने की अनुमती दी। मुख्य न्यायाधीश जे.नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने ज़ू शटल की चार की जगह आठ गाड़ियों चलाने की अनुमाती दी है।
न्यायालय ने तल्लीताल की लेक ब्रिज चुंगी में केवल भौतिक रुपये लेने पर सवाल उठाते हुए पालिका से कहा कि आप इसके साथ ही फ़ास्ट टैग से रुपये काटने की व्यवस्था बनाइये। न्यायालय ने नगर पालिका से कहा की, लोकल वाहन वाले लोगों के लिए बाजार, अस्पताल, मंदिर आदि आवागमन की जगहों को एयर मार्क करें और उनकी व्यवस्था करें।
नोएडा के सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट से न्यायालय ने कहा कि स्टेट के निर्देश पर सड़कों का सर्वे करें। इसमें, हल्द्वानी और काठगोदाम से नैनीताल को आने वाले मार्गों का सर्वे करें। न्यायालय ने उन्हें तीन माह में रिपोर्ट देने को कहा है। इसके साथ ही न्यायालय से रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट(सी.बी.आर.आई.)ने कहा कि वो क्षेत्र की भौगोलीग लोड बेअरिंग कैपेसिटी की जांच कर सकते हैं।
नगर पालिका के वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र पाटनी ने न्यायालय में सुनवाई के बाद अपना मंतव्य देते हुए कहा की पालिका अशोक पार्किंग में तीन लैवल पार्किंग और हर लेवल में अलग एंट्री देना चाहती हैं। इससे लगभग 240 से 300 गाड़ियां पार्क की जा सकेंगी। इसकी एक मंजिल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और बच्चों के लिए फन पार्क बनाया जाए।
इसकी एक मंजिल में अनेक उच्च स्तरीय कैफेटेरिया होने चाहिए, जो नुकसान में चल रही नगर पालिका को आर्थिक राहत पहुंचाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि इसके लिए वो पहले सुप्रीम कोर्ट से अजय रावत बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में एक्ज़ेम्पशन की प्रार्थना करेंगे।

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