महिला कल्याण व बाल विकास मंत्री ने कई विभागों की समीक्षा बैठक

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देहरादून। प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने एकल महिला स्वरोजगार योजना, आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं की नियुक्ति, महिला कल्याण कोष, नन्दा गौरा योजना आदि की समीक्षा सम्बन्धित अधिकारियों विधान सभा स्थित सभागार कक्ष में की तथा सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
मंत्री ने कहा कि एकल महिला स्वरोजगार योजना जो पूर्व में कैबिनेट में लायी गयी थी जिसके सम्बन्ध में कैबिनेट में मेरे ने ही कुछ बिन्दुओं पर संशाोधन के लिए विषय रखा गया था। जिसे पुनः कैबिनेट में फिर से प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था तथा जिसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है और यह योजना आगामी कैबिनेट में पुनः प्रस्तुत कर दी जायेगी। निश्चित रुप से एकल महिलाएं जल्द ही इस योजना का लाभ उठा पायंेेगी।
आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं की नियुक्ति के सम्बन्ध में मंत्री ने कहा कि प्रदेश के लगभग 12 जनपदों में आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं की नियुक्ति के परिणाम घोषित हो चुके हैं। मेरे द्वारा सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि 1 हफ्ते का समय आपत्तियों के लिए देते हुए 3 से 4 दिनों के भीतर आपत्तियों का निस्तारण कर दिया जाय तथा इसके उपरान्त फाइनलिस्ट को नियुक्ति पत्र वितरित कर दिये जायें। नियुक्ति पत्र वितरण के लिए आगामी 20 से 22 मई के मध्य तिथि निर्धारित की गई है।
मंत्री ने कहा कि ‘‘महिला कल्याण कोष‘‘ जिसके लिए आबकारी विभाग से रुपये 1 प्रति बोतल अतिरिक्त शुल्क के रुप में प्राप्त हो रहा है। इस महिला कल्याण कोष की नियमावली काफी समय से वित्त विभाग में थी तथा वित्त विभाग द्वारा कुछ आपत्तियां लगायी गयी थी। उन आपत्तियों का शीघ्र निस्तारण करते हुए आगामी कैबिनेट में महिला कल्याण कोष नियमावली को प्रस्तुत करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये गये हैं। मंत्री ने कहा कि निश्चित रुप से महिला कल्याण कोष भी धरातल पर उतरेगा। इस कोष से ऐसी महिलाएं लाभ ले सकंेगी जिनको सुरक्षा, स्वरोजगार, आपदा के समय संरक्षण की आवश्यकता होती है। वहीं दुर्घटना के कारण अनाथ हुए बच्चों व वृद्ध महिलाओं के संरक्षण को ध्यान में रखकर भी नियमावली में प्राविधान किये जा रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि एक गेम चंेजर योजना (मुख्यमंत्री जच्चा-बच्चा शुभजीवन प्रोत्साहन) जो प्रदेश के मुख्यमंत्री के सामने रखी गयी थी जिसमें गर्भवती महिलाओं के 1 हजार सुनहरे दिन को लेकर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इस योजना में गर्भवती महिला व नवजात शिशु के पोषण व स्वास्थ्य सुरक्षा व अन्य जरुरतों को लेकर प्राविधान किये जा रहे हैं। इस गेम चेंजर योजना के स्वरुप को शीघ्र तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये हैं।
मंत्री ने कहा कि नन्दा गौरा योजना के अन्तर्गत आने वाले समय में 12 वीं पास होने के साथ ही ग्रेजुएशन पास होने पर भी उचित धनराशि देने का प्रस्ताव तैयार किया जाय ताकि बालिकाएं ग्रेजुएशन करने के लिए प्रेरित हो सकें।
बैठक में सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, चन्द्रेश यादव, अपर सचिव व निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, प्रशान्त आर्य, व राज्य नोडल अधिकारी केन्द्र पोषित योजना आरती बलोदी तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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