चारधाम यात्रा में भीड़ मैनेजमेंट के लिए सात जिलों में बनाए गए 68 हॉल्टिंग प्वाइंट

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देहरादून। चारधाम यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन को लेकर इस बार एक बेहद ठोस और व्यवस्थित योजना तैयार कर ली है। बीते वर्षों में यात्रा मार्गों पर अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्था के चलते मिले अनुभवों से सबक लेते हुए सरकार कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। धामों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए एडवांस प्लानिंग के तहत हॉल्टिंग प्वाइंट्स, पार्किंग स्थल और यात्रा मार्गों पर सघन जांच व्यवस्था लागू की जा रही है। चारधाम मार्गों पर अब यदि भीड़ अत्यधिक बढ़ती है या किसी आपदा जैसी स्थिति बनती है तो श्रद्धालुओं को तयशुदा हॉल्टिंग प्वाइंट्स पर रोक दिया जाएगा।
इन प्वाइंट्स पर होटल, धर्मशाला, स्कूल, कॉलेज और कम्युनिटी सेंटर जैसी सुविधाओं को चिन्हित कर रखा गया है। ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो. इसके अलावा पार्किंग व्यवस्था को भी सुदृढ़ कर दिया गया है। चारधाम यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन की पूरी कमान राजधानी देहरादून स्थित पटेल भवन में स्थापित चारधाम यात्रा कंट्रोल रूम के हाथों में होगी। पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ के मुताबिक, कंट्रोल रूम जिलों से समन्वय बनाते हुए स्थिति पर नजर रखेगा और जरूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई करेगा। चारधाम यात्रा पर जाने वाले हर वाहन की कड़ी तलाशी ली जाएगी। तपोवन, भद्रकाली, कटापत्थर और कुठालगेट सहित कई चेकपोस्ट सक्रिय कर दिए गए हैं। प्रत्येक वाहन के दस्तावेज, टायर की स्थिति और फिटनेस की जांच होगी। यात्रियों से अपील की गई है कि वे घिसे टायर या रिट्रीटेड टायर वाले वाहनों से यात्रा न करें और ड्राइवर चप्पल पहनकर वाहन न चलाएं. पुलिस और आरटीओ की टीमें यात्रा मार्गों पर दिन-रात तैनात रहेंगी, ताकि श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित और व्यवस्थित रह सके।
यात्रा मार्गों की यातायात व्यवस्था का अध्ययन और निगरानी करने के लिए सरकार ने परिवहन विभाग की तीन सदस्यीय टीम भी गठित कर दी है। उप परिवहन आयुक्त राजीव मेहरा की अगुवाई में देहरादून आरटीओ संदीप सैनी और पौड़ी के आरटीओ द्वारका प्रसाद इस टीम में शामिल हैं। टीम ने केदारनाथ रूट से निरीक्षण की शुरुआत भी कर दी है।चारधाम यात्रा मार्ग पर हॉल्टिंग प्वाइंट के साथ ही जिलों में पार्किंग स्थलों की भी पहचान कर ली गई है। देहरादून में 28, हरिद्वार में 17, पौड़ी में 13, रुद्रप्रयाग में 18, चमोली में 31, टिहरी गढ़वाल में 23 और उत्तरकाशी में 4 पार्किंग स्थलों को चिन्हित किया गया है। कुल मिलाकर 136 पार्किंग एरिया तैयार किए गए हैं, जिनमें बड़े और छोटे वाहनों के खड़े होने की व्यवस्था की गई है।

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