आचार संहिता लागू होने के बाद अगले 24 घंटे में सभी सरकारी संपत्तियों पर लगी प्रचार सामग्री हटानी होगी

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देहरादून। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद अगले 24 घंटे में सभी सरकारी संपत्तियों पर लगी प्रचार सामग्री हटा दी जाएंगी। यह काम चुनाव आयोग की राज्य इकाई के माध्यम से जिलावार कराया जाएगा। इसी प्रकार, जिन निर्माण या अन्य कार्यों के टेंडर पूरी में जारी हो चुके हैं और कार्यादेश जारी हो चुके होंगे लेकिन काम शुरू नहीं हो पाया, वह शुरू नहीं होगा। ऐसे ही कई अन्य बदलाव भी आचार संहिता के बाद नजर आएंगे।
सभी सरकारी संपत्तियों से 24 घंटे के अंदर समस्त प्रचार सामग्री पोस्टर, बैनर, पंफ्लेट हटाए जाएंगे। सरकारी कार्यालयों, सभागारों, अधिकारियों के कक्षों में लगी सभी जीवित राजनैतिक महानुभावों की फोटो भी हटेगी। केवल राष्ट्रपति, राज्यपाल की फोटो लगी रह सकती है।
लोक संपत्तियों बस स्टैंड, सड़क, सार्वजनिक चैराहों, बिजली के खम्बे, अंडरपास इत्यादि से 48 घंटे के अंदर समस्त प्रचार सामग्री पोस्टर, बैनर, पंफ्लेट हटाए जाएंगे। अपने निजी भवन पर बैनर, झंडा, कटआउट इत्यादि प्रतिबंधित नहीं है, बशर्ते भवन स्वामी ने ये काम अपनी इच्छा से किया हो। अधिकतम तीन झंडे लगा सकते हैं।
प्रत्याशी भवन स्वामी की लिखित अनुमति के बाद ही निजी भवन पर अपनी प्रचार सामग्री लगा सकता है, जिसकी रिटर्निंग अफसर को जानकारी देनी होगी। नहीं तो 500 रुपये जुर्माना लगेगा। ऐसे काम, जिनका टेंडर निकलने के बाद वर्कऑर्डर हो चुका है लेकिन मौके पर भौतिक रूप से काम शुरू न हुआ हो, वह इस दौरान शुरू नहीं किए जा सकते।  ऐसे काम जो मौके पर भौतिक रूप से शुरू हो चुके हैं, वह जारी रहेंगे। निजी वाहन पर बिना किसी दबाव झंडा, स्टीकर लगाया जा सकेगा, बशर्ते वह मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन न हो। दुपहिया वाहन से प्रचार के लिए आरओ से अनुमति जरूरी होगी, जिस पर एक झंडा लगाने की छूट होगी। ई-रिक्शा, तिपहिया वाहन एवं चैपहिया वाहन पर भी कोई बैनर अनुमन्य नहीं है। यदि ऐसा वाहन वैध प्रचार वाहन है तो उस पर केवल एक झंडा (1×0.5 फीट) अनुमन्य है। वाणिज्यिक वाहनों पर प्रचार सामग्री अनुमन्य नहीं है।
मतदान वाले दिन मतदाता अपने पोलिंग बूथ से 200 मीटर दूरी तक वाहन ले जा सकते हैं।पोलिंग बूथ के 100 मीटर की दूरी में निर्वाचन संबंधी अधिकारी, कर्मचारियों को छोड़कर अन्य सभी व्यक्तियों का मोबाइल फोन का इस्तेमाल निषिद्ध है। किसी भी रैली या जनसभा में उम्मीदवार द्वारा टोपी, मुखौटा, स्कार्फ आदि बांटा जा सकता है, जिसको उम्मीदवार के खर्चे में जोड़ा जायेगा, परंतु साड़ी, धोती, शर्ट आदि बांटे नहीं जा सकते। इसी प्रकार देवी, देवताओं के फोटो वाले स्टीकर, डायरी, कैलेंडर आदि बांटा जाना प्रतिबंधित है। ऐसा किया जाना धारा-171 बी आईपीसी के तहत मतदाता को रिश्वत देने की श्रेणी में आता है।

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