मजिस्ट्रेट न्यायालयों में अभियोजन वादों की पैरवी के लिए उपस्थित रहे सहायक अभियोजन अधिकारीः एडीएम

देहरादून। अपर जिलाधिकारी (प्रशा) जय भारत सिंह ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में मजिस्ट्रेट न्यायालयों में अभियोजन से संबंधित लंबित वादों को लेकर समीक्षा बैठक ली। उन्होंने नामित सहायक अभियोजन अधिकारियों को मजिस्ट्रेट न्यायालयों से समन्वय रखते हुए अभियोजन संबंधी वादों का त्वरित निस्तारण करने पर जोर दिया।
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि मजिस्ट्रेट न्यायालयों में वादों की पैरवी के लिए नामित सहायक अभियोजन अधिकारी उपस्थित नही रहते है। जिसके कारण मजिस्ट्रेट कोर्ट में अनावश्यक रूप से वाद लंबित हो रहे है और सुगम न्यायिक प्रक्रिया में रूकावट आ रही हैं। जिससे सरकार को राजस्व का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने निर्देशित किया कि मजिस्ट्रेट न्यायालयों के लिए नामित सहायक अभियोजन अधिकारी प्रत्येक सप्ताह अपने से संबंधित मजिस्ट्रेट न्यायालयों में उपस्थित होकर अभियोजन वादों के निस्तारण में सहयोग करें। ताकि न्यायिक प्रक्रिया में सुगमता बनी रहे।
बैठक में अपर जिलाधिकारी ने समस्त एसडीएम के साथ उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 154 के उल्लंघन के प्रकरणों में गतिमान धारा 166 व 167 की कार्यवाही और अंश निर्धारण की अद्यतन प्रगति समीक्षा भी की और अंश निर्धारण कार्याे में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा कि किसान योजना के तहत शत प्रतिशत किसानों का सत्यापन कार्य शीघ्र पूरा कराया जाए।
संयुक्त निदेशक विधि ने बताया कि अभियोजन वादों के निस्तारण में पूरा सहयोग किया जा रहा है। मजिस्ट्रेट न्यायालयों में वादों के निस्तारण में सहायक अभियोजन अधिकारियों का रोस्टर तैयार किया जाएगा और आपसी समन्वय बनाकर वादों का त्वरित निस्तारण कराने का प्रयास किया जाएगा।
बैठक में अपर जिलाधिकारी (एफआर) केके मिश्रा, सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, ओसी कलेक्ट्रेट अपूर्वा, एसडीएम हरिगिरि, एसडीएम कुमकुम जोशी, एसडीएम विनोद कुमार, एसडीएम अपर्णा ढौंडियाल, तहसीलदार सोहन सिंह रांगड, सुरेन्द्र देव, विवेक राजौरी, संयुक्त निदेशक विधि जीसी पंचोली सहित मजिस्ट्रेट कोर्ट के लिए नामित समस्त सहायक अभियोजन अधिकारी उपस्थित थे।

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