डीजीआरई और मौसम विभाग ने पहले ही जारी कर दिया था एवलॉन्च का अलर्ट, हुई अनदेखी

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देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले में चीन सीमा के पास बड़ा हादसा हो गया। यहां बदरीनाथ धाम से आगे माणा गांव के पास ग्लेशियर टूटने से 57 मजदूर मलबे में दब गए। ग्लेशियर में दबे लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो चुका है। अब तक 16 मजदूरों को रेस्क्यू किया जा चुका है। 41 मजदूर अभी भी मलबे में दबे हैं। लेकिन इस घटना से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि रक्षा भू-सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान (डीजीआरई) चंडीगढ़ और मौसम विभाग ने पहले ही एवलॉन्च की आशंका जताते हुए अलर्ट जारी किया था।
रक्षा भू-सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान की तरफ से एवलॉन्च का जो अलर्ट जारी किया गया था, उसमें उत्तराखंड के चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले में एवलॉन्च को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया था। रक्षा भूसूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान ने उत्तराखंड के अलावा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और लद्दाख के लिए भी अलर्ट जारी किया था। एवलॉन्च का अलर्ट 27 फरवरी शाम पांच बजे से 28 फरवरी शाम पांच बजे तक है। रक्षा भू-सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान चंडीगढ़ के अलावा मौसम विभाग ने भी उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी भी अलर्ट जारी किया था। मौसम विभाग ने भी उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, देहरादून और पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं बारिश के साथ 3200 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी का पूर्वानुमान भी जारी किया था। मौसम विभाग ने भी अपनी चेतावनी में साफ किया है कि अधिक बर्फबारी के कारण हिमस्खलन (एवलॉन्च) की आशंका है। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार, चमोली के अलावा उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, देहरादून, पिथौरागढ़ व बागेश्वर में भारी बारिश और अधिक ऊंचाई वाले (3200-3500 मीटर व इससे अधिक) कुछ स्थानों पर बहुत भारी बर्फबारी होने का अलर्ट जारी किया गया है।

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