राज्यपाल ने ‘मेगा नेत्र शल्य चिकित्सा शिविर’ में किया प्रतिभाग

देहरादून । भारतीय सेना के मध्य कमान और उत्तराखण्ड सब एरिया के तत्वावधान में उत्तराखण्ड क्षेत्र के पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए सैन्य अस्पताल, देहरादून में एक ‘‘मेगा नेत्र शल्य चिकित्सा शिविर’’ आयोजित किया गया। 25 दिसंबर 2024 को शुरू हुए शिविर में मुख्य सर्जन ब्रिगेडियर संजय कुमार मिश्रा के नेतृत्व में नेत्र रोग विभाग, आर्मी हॉस्पिटल (रिसर्च एंड रेफरल), नई दिल्ली से विशेषज्ञ सर्जनों की एक कुशल टीम ने एमएच देहरादून के नेत्र सर्जनों के साथ मिलकर अत्याधुनिक उपकरणों और प्रीमियम इंट्रा ओकुलर लेंस का उपयोग करके जरूरतमंद पूर्व सैनिकों के मोतियाबिंद की सर्जरी की। राज्यपाल की प्रेरणा और मार्गदर्शन में इस कैंप में कई सेवानिवृत्त पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को नेत्र ज्योति लाभ मिला। इस शिविर में 600 से अधिक मरीजों ने पंजीकरण कराया और इनमें से 230 से अधिक लोगों की मोतियाबिंद सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। शुक्रवार को आर्मी हॉस्पिटल में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने मेडिकल टीम के समर्पण और विशेषज्ञता की सराहना की। उन्होंने कहा की इस प्रकार का शिविर मानवता की सेवा का सच्चा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक देश की रक्षा में सदैव तत्पर रहते हैं, उनके परिजनों की देखभाल करना हमारा दायित्व है। उन्होंने अपने पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के कल्याण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए भारतीय सेना की विशेष रूप से सराहना की।
राज्यपाल ने कहा कि नेत्र सर्जनों द्वारा प्रदर्शित कार्य दक्षता और देखभाल सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं (एएफएमएसएफ) के उच्च मानकों और उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने इस शिविर के संचालन तथा पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के जीवन में बदलाव लाने में उनके असाधारण प्रयासों के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, डीजीएएफएमएस, और आर्मी मेडिकल कोर के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में राज्यपाल ने मरीजों को मुफ्त दवाएं और चश्मे वितरित किए, उनका मनोबल बढ़ाया और आंखों की देखभाल के महत्व पर जोर दिया।
इस शिविर में उपस्थित स्वास्थ्य मंत्री, डॉ. धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और वयोवृद्ध समुदाय के बीच दृश्य हानि को संबोधित करने में सहयोगात्मक प्रयासों के लिए भारतीय सेना की सराहना की। उन्होंने अपने संबोधन में रोकथाम योग्य अंधेपन को दूर करने में ऐसी पहल के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘सेना और नेशनल प्रोग्राम फॉर कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस के बीच साझेदारी एक स्वस्थ और खुशहाल समाज बनाने की हमारी साझा प्रयासों का एक प्रमाण है। इस कार्यक्रम में कमांडेंट आईएमए ले. जनरल संदीप जैन, जीओसी उत्तराखण्ड सब एरिया मेजर जनरल आर प्रेमराज, ब्रिगेडियर संजोग नेगी, कुलपति चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय प्रो. मदन लाल ब्रह्म भट्ट, सहित कई सैन्य और शासकीय गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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