मनोज तिवारी संभाल रहे थे कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार
देहरादून। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारीे उत्तराखंड उच्च न्यायालय का दूसरी बार कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाल रहे थे। राष्ट्रपति की गई इस नियुक्ति की घोषणा को विधि एवं न्याय मंत्रालय के संयुक्त सचिव जगन्नाथ श्रीनिवासन की जारी अधिसूचना के माध्यम से की गई। पूर्व मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी 10 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति नरेंद्र को अगला मुख्य न्यायाधीश नामित किया गया था, लेकिन मंत्रालय की ओर से आधिकारिक अधिसूचना को लंबित रखा गया था। न्यायमूर्ति तिवारी का जन्म 19 सितंबर, 1965 को पिथौरागढ़ में हुआ था और वे वकीलों के परिवार से आते हैं। उनके पिता नंदाबल्लभ तिवारी और नाना राम दत्त चिलकोटी दोनों वकील थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय, पिथौरागढ़ से पूरी की और 1990 में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक, परास्नातक और एलएलबी की डिग्री हासिल की। उसी वर्ष उन्होंने उत्तर प्रदेश इलाहाबाद बार काउंसिल में दाखिला लिया और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू की। 2000 में उत्तराखंड के राज्य बनने के बाद उन्होंने अपनी प्रैक्टिस नैनीताल में उत्तराखंड उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया था।