लॉन्च हुआ भारत का पहला हाइब्रिड रॉकेट रूमी, ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन पर देगा अहम जानकारी

1 min read

चेन्नई। तमिलनाडु स्थित स्टार्टअप स्पेस जोन इंडिया ने शनिवार को ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन पर शोध करने के लिए एक चलते-फिरते (मोबाइल) प्लेटफॉर्म पर अपना दोबारा से इस्तेमाल में लाया जा सकने वाला पहला हाइब्रिड रॉकेट मिशन रूमी -2024 लॉन्च किया। इसे चेन्नई के पास सुंदर ईस्ट कोस्ट रोड पर थिरुविदंथई में सुबह 7.25 बजे सफलता के साथ लॉन्च किया गया। यह लगभग 35 किलोमीटर की ऊंचाई तक गया। दावा किया जा रहा है कि रूमी मोबाइल लॉन्च होने वाला दुनिया का पहला हाइब्रिड रॉकेट हैं।
स्पेस जोन इंडिया के संस्थापक सीईओ आनंद मेगालिंगम के मुताबिक, पहले सुबह 7 बजे लॉन्च किया जाना था, लेकिन इसे लगभग सुबह 7.25 बजे लॉन्च किया गया। उन्होंने कहा कि यह एक साउंडिंग रॉकेट की तरह है। यह लगभग 35 किलोमीटर की ऊंचाई तक गया है और इसके दोबारा से इस्तेमाल में आने की वजह से मेरी टीम योजना के मुताबिक इसे वहां से वापस लाने के लिए वहीं पर हैं।
परियोजना प्रमुख मेगालिंगम ने बताया कि रूमी का नाम उनके बेटे रूमिथरन के नाम पर रखा गया है। यह 3.5 मीटर लंबा है और इसमें एक खास तरह के ईंधन का मिश्रण इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें ठोस और तरल ईंधन दोनों होते हैं। रॉकेट में एक पैराशूट होता है जो सुरक्षित लैंडिंग में मदद करने के लिए इलेक्ट्रिक ट्रिगर का इस्तेमाल कर छोड़ा जाता है। इसे तट के पास चलते- फिरते लॉन्च पैड से हवा के तेज झोंकों की वजह से 89 डिग्री झुकाव के मुकाबले हमने रॉकेट को 70 डिग्री झुकाव के साथ लॉन्च किया था। रूमी-1 रॉकेट में तीन क्यूब उपग्रह थे। इन्हें वायुमंडलीय स्थितियों सहित कॉस्मिक विकिरण तीव्रता, यूवी विकिरण, वायु गुणवत्ता आदि के आंकड़ों की निगरानी और संग्रह करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसने पर्यावरणीय गतिशीलता को समझने के लिए एक्सेलेरोमीटर रीडिंग, ऊंचाई, ओजोन स्तर जैसे वायुमंडलीय स्थितियों के कई पहलुओं के अध्ययन के लिए 50 अलग-अलग पिको उपग्रहों (छोटे हल्के उपग्रह) को भी तैनात किया गया।
मेगालिंगम ने कहा, भारत अंतरिक्ष नवाचार में तेजी से वैश्विक नेता के तौर पर उभर रहा है और लगातार ऐसे अभूतपूर्व मिशन लॉन्च कर रहा है जो संभव की सीमाओं को आगे बढ़ाते हैं। जैसे-जैसे हमारा देश इस अहम क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, टिकाऊ और प्रभावी लागत समाधानों की जरूरत और अधिक बढ़ रही है। मिशन रूमी 2024 इस जरूरत का प्रत्यक्ष जवाब है। दोबारा से इस्तेमाल में आ सकने वाला हाइब्रिड रॉकेट पेश कर, हम न केवल अंतरिक्ष अन्वेषण के वित्तीय बोझ को कम कर रहे हैं, बल्कि इसे पर्यावरण पर भी कम असर पड़ रहा। यह मिशन भविष्य के लिए अंतरिक्ष मिशनों को अधिक सुलभ और टिकाऊ बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है।
स्पेस जोन इंडिया बीते दो साल से मिशन रूमी के तहत कई परियोजनाओं का संचालन कर रहा है। देश के मून मैन के नाम से मशहूर चंद्र मिशन चंद्रयान के परियोजना निदेशक माइलस्वामी अन्नादुरई स्पेस जोन इंडिया के संरक्षक हैं। उन्होंने आज के मिशन पर कहा, हमारे हाइड्रोलिक मोबाइल लॉन्चपैड के जरिए हाइब्रिड रॉकेट का प्रक्षेपण अपनी तरह की पहली पहल है। इसने एयरोस्पेस तकनीक में एक नया कीर्तिमान गढ़ा है। उन्होंने आगे कहा, इस अत्याधुनिक तकनीक के साथ स्पेस जोन इंडिया रॉकेट लॉन्च के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए तैयार है, जिससे वे भविष्य की जरूरतों के लिए अधिक गतिशील और उत्तरदायी बनेंगे।
एकीकृत विपणन संचार एजेंसी मार्टिन ग्रुप के प्रबंध निदेशक जोस चार्ल्स मार्टिन ने कहा कि मिशन रूमी-2024 का समर्थन करके, हम न केवल एक अभूतपूर्व अंतरिक्ष मिशन का समर्थन कर रहे हैं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के जीवन को भी बेहतर बना रहे हैं। स्पेस ज़ोन इंडिया को समर्थन देना हमारे दृष्टिकोण के साथ पूरी तरह से मेल खाता है। एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में स्थिरता और उत्कृष्टता के लिए उनका समर्पण वास्तव में प्रेरणादायक है।

Copyright, Mussoorie Times©2023, Design & Develop by Manish Naithani 9084358715. All rights reserved. | Newsphere by AF themes.