देहरादून आपदा में 24 शव मिल, 17 अभी भी लापता

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देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में दो दिन पहले 15-16 सितंबर की रात आई आपदा सब कुछ तबाह कर करके ले गई। इस आपदा में मरने वालों का आंकड़ा 24 पहुंच गया है। यानी देहरादून जिले में अभी तक 24 लोगों के शव मिल चुके है। वहीं 16 लोग अभी भी लापता है।
उत्तराखंड को इस बार आपदा से गहरे जख्म मिले है, जिन्हें भरने में शायद सालों लग जाए। अपने आखिरी समय में मॉनसून आपदा के रूप में उत्तराखंड के बड़ा दुख पहुंचाया है। इस साल कुदरत की मार से उत्तराखंड का कोई भी जिला अछूता नहीं रहा। जाते-जाते मॉनसून राजधानी देहरादून पर भी ऐसा कहर बनकर टूटा, जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था। कई जिंदगियां इस बारिश ने खत्म कर दी।
राजधानी में पहले भी भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालत बने है। कई इलाकों में जलभराव की स्थिति देखने को मिलती थी, लेकिन इस बार कुदरत ने देहरादून में जो अपना रौद्र रूप दिखाया है, वो हैरान करने वाला है। सैलाब का ऐसा मंजर देहरादून में कभी नहीं देखा गया। देहरादून में कुदरत किस कदर नाराज थी, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते 24 घंटे में 24 लोगों की मौत हुई।
अभी भी राजधानी देहरादून के अलग-अलग इलाकों पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है, ताकि मलबे या नदी नालों में दबे हुए लोग जिंदा निकल सके। 15-16 सितंबर की आपदा में 25 से ज्यादा लोग लापता थे। इसमें कइयों के शव तो मिल गए है, लेकिन कुछ अभी भी लापता है। अभी भी 16 लोग लापता है। देहरादून जिले में मृतकों का आंकड़ा 24 तक पहुंच गया है।
बता दें कि 15-16 अगस्त की रात आए सैलाब में सड़कों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। एक तरफ जहां देहरादून को हिमाचल से जोड़ने वाला पांवटा साहिब हाईवे पर बना पुल प्रेम नगर के पास टूट गया था तो वहीं देहरादून-मसूरी रोड भी कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हुआ था। देहरादून-मसूरी रोड तो प्रशासन ने छोटे वाहनों की आवाजाही लायक कर दिया है, लेकिन पांवटा साहिब हाईवे अभी भी चालू नहीं हो पाया है।
इसके अलावा लालतप्पड़ में हरिद्वार-देहरादून हाईवे को काफी नुकसान पहुंचा था। फिलहाल हाईवे से एक हिस्से से आवाजाही हो रही है। इसके अलावा सहस्त्रधारा और मालदेवता इलाके में भी बारिश ने जमकर कहर पाया था।

जौनसार बावर की लाइफ लाइन बंद
देहरादून। 17 सितंबर देर रात से हो रही बारिश से जौनसार बावर की लाइफ लाइन कालसी चकराता मोटर मार्ग पूरी तरह से बंद है। इस मोटर मार्ग पर जजरेड का भूस्खलन नासूर बना हुआ है। साथ ही इस मार्ग पर चापनू मोड के पास भारी भूस्खलन होने से सड़क पर भारी मात्रा मे मलबा आ गया है। मार्ग बंद होने से विकासनगर से चकराता जाने वाले और चकराता से विकासनगर जाने वाले वाहनों की लम्बी कतारे लग गई।

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