हरिद्वार में बंद हुए मंदिरों के कपाट, दोपहर में हुई संध्याकालीन आरती चंद्रग्रहण के चलते लिया गया निर्णय
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हरिद्वार। चंद्रग्रहण को देखते हुए रविवार को विश्व प्रसिद्ध हरकी पैड़ी पर होने वाली संध्याकालीन आरती सूतक काल से पहले ही 12ः30 बजे की गई। आम दिनों में हरकी पैड़ी पर संध्याकालीन आरती 6 बजकर 30 मिनट पर शुरू की जाती थी।
ज्यादा जानकारी देते हुए श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि आज हरकी पैड़ी पर होने वाली आरती को चंद्र ग्रहण के कारण पहले ही कर लिया गया है। इसी के साथ उन्होंने बताया कि चंद्र ग्रहण का 9.57 रात्रि में आरंभ हो जाएगा। जिसको देखते हुए उससे पहले ही मां गंगा की संध्या कालीन आरती कर ली गई है। तन्मय वशिष्ठ ने कहा सूतक काल प्रारंभ होने से पहले ही मां गंगा के मंदिर के कपाट को बंद कर दिया गया है। जैसे ही चंद्र ग्रहण समाप्त होगा, उसके बाद मां गंगा के जल से मंदिर को पूरी तरह धोकर मंदिर के कपाटों को खोला जाएगा।
बता दें आज साल 2025 का दूसरा चंद्रग्रहण आज है। यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। रविवार रात के 9ः57 मिनट से इसकी शुरुआत होगी। मध्य रात्रि के ठीक बाद 1ः26 मिनट तक यह समाप्त होगा। 11ः42 मिनट पर आप पूर्ण चंद्रग्रहण देख सकते हैं।
आज से ही पितृ पक्ष की भी शुरुआत हो रही है। इसे श्राद्धपक्ष भी कहा जाता है। सूतक लगने के बाद कोई भी धार्मिक या शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। इसलिए धर्माचार्यों का कहना है कि पिंडदान का काम सूतक लगने से पहले ही कर लें। सूतक रविवार दोपहर 12ः57 मिनट पर लगेगा। चंद्रग्रहण समाप्त होने तक यह चलता है। ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं अपना सामान्य कामकाज कर सकते हैं। उनके लिए सूतक का काल शाम 6ः35 मिनट से शुरुआत हो रही है।
चंद्र ग्रहण की तिथि और समय
ग्रहण का स्पर्श (आरंभ)- रात्रि 9‘57 बजे
ग्रहण का मध्य- रात्रि 11ः41 बजे
ग्रहण का मोक्ष (समापन)-रात्रि 1ः27 बजे (8 सितंबर)
सूतक काल- दोपहर 12ः57 बजे से रात्रि 1ः27 बजे तक