शिक्षकों का मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार जारी

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रुद्रप्रयाग। राजकीय शिक्षक संघ के आह्वान पर चल रहा चॉक डाउन हड़ताल और कार्य बहिष्कार दूसरे दिन भी पूरी तरह सफल रहा। जनपद के समस्त शिक्षकों ने एकजुट होकर आंदोलन को समर्थन दिया। संगठन ने सभी साथियों का आभार जताते हुए इसे शिक्षकों की एकता का प्रतीक बताया।
राजकीय शिक्षक संघ के आह्वान पर जनपद के सभी माध्यमिक विद्यालयों में चॉकडाउन हड़ताल मंगलवार को भी जारी रही। दूसरे दिन भी शिक्षकों ने पदोन्नति एवं स्थानांतरण से जुड़ी समस्याओं के समाधान न होने पर आक्रोश जताया। राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आलोक रौथाण के दिशा-निर्देशों और प्रांतीय कार्यकारिणी के आह्वान पर जनपद के सभी माध्यमिक विद्यालयों में क्रमबद्ध आंदोलन करते हुए चॉकडाउन हड़ताल की जा रही है। प्रधानाचार्य सीधी भर्ती और बीते कई वर्षों से पदोन्नति न होने के कारण शिक्षकों में आक्रोश है। उन्होंने अपील की कि सभी प्रभारी प्रधानाचार्य कोई भी विभागीय सूचना प्रेषित न करें, जिससे आंदोलन को और गति मिल सके।
शिक्षक पदाधिकारियों ने कहा कि समय-समय पर संगठन द्वारा विभिन्न मंचों पर पत्रों के माध्यम से शासन-प्रशासन एवं विभाग को अवगत कराया गया है, मगर आज तक विभाग और सरकार की ओर से कोई भी ठोस नीति पदोन्नति को लेकर नहीं बनाई गई है। जनपद के ब्लॉक ऊखीमठ, अगस्त्यमुनि और जखोली के 116 विद्यालयों में चॉकडाउन हड़ताल आगामी 24 अगस्त तक जारी रहेगी। शिक्षकों ने कहा कि यह आंदोलन संगठन को मजबूती प्रदान कर रहा है। कहा कि अभी भी सरकार द्वारा उनकी मांगों पर कार्यवाही नहीं की गई तो इसके बाद ब्लॉक मुख्यालयों और मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और निदेशालय स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
जिला मंत्री शंकर भट्ट ने कहा कि “हम वर्षों से पदोन्नति की मांग कर रहे हैं, मगर आज भी हमारा साथी जिस पद पर सेवा में आया, उसी पद से सेवानिवृत्त हो रहा है। इससे शिक्षकों में निराशा का भाव पैदा होना स्वाभाविक है। सरकार प्रधानाचार्य सीधी भर्ती का शिगूफा छोड़कर शिक्षकों को आपस में बांटना चाहती है। संघ इस सीमित विभागीय भर्ती का पूर्ण विरोध करता है। कहा कि राजकीय माध्यमिक शिक्षक पूर्व में भी प्रधानाचार्य सीधी भर्ती एवं पदोन्नति की मांगों को लेकर प्रदेश व्यापी आंदोलन कर चुके हैं। सरकार द्वारा आश्वासन दिए जाने पर भी आज सभी राजकीय शिक्षक ठगे हुए महसूस कर रहे हैं।
जिला संरक्षक नरेश कुमार भट्ट ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “सरकार जानबूझकर पदोन्नति नहीं करना चाहती। यदि सरकारी विद्यालयों को योग्य प्रधानाचार्य और प्रवक्ता मिलेंगे तो शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी, लेकिन सरकार नहीं चाहती कि गरीब बच्चों को गुणात्मक शिक्षा मिले। यह शिक्षा के अधिकार का हनन है।
उपाध्यक्ष शीशपाल पंवार ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने हमारी जायज़ मांगों की अनदेखी की, तो शिक्षक प्रदेश व्यापी हड़ताल करने को बाध्य होंगे। जिला कार्यकारिणी ने कार्य बहिष्कार को सफल बनाने को लेकर तीनों ब्लॉक अध्यक्ष एवं मंत्रियों को प्रोत्साहित किया और सभी शिक्षकों से आंदोलन को और मज़बूत करने का आह्वान किया।

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