हरिद्वार में ‘ऑपरेशन कालनेमि’, जेल भेजे गए 13 फर्जी बाबा

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हरिद्वार। ऑपरेशन कालनेमि के तहत उत्तराखंड में छद्म वेशधारियों के खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान चल रहा है। शुक्रवार को देहरादून में एक बांग्लादेशी नागरिक समेत 25 फर्जी बाबा पकड़े गए थे। हरिद्वार पुलिस ने भी छद्म वेशधारियों के खिलाफ अभियान चलाया। धर्मनगरी में 13 फर्जी बाबा पकड़े गए। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने ऑपरेशन कालनेमि का स्वागत किया।
हिंदुत्व की हार्डकोर लाइन पर बिना रुके आगे बढ़ रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लैंड जेहाद, लव जेहाद, मजार जेहाद के खिलाफप सख्त एक्शन लेने के बाद उत्तराखंड में गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुवार को ऑपरेशन कालनेमि लॉच किया था। राजधानी देहरादून में जहां ऑपरेशन कालनेमि के तहत पहले दिन शुक्रवार को 25 फर्जी बाबा पकड़े गए थो हरिद्वार में भी ये धरपकड़ अभियान जोर शोर से चला।
सीएम पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर शनिवार को हरिद्वार पुलिस ने ऑपरेशन कालनेमि चलाकर 13 फर्जी बाबाओं को पकड़ा है। ये लोग साधु का वेश धारण कर आमजन को गुमराह कर रहे थे। लंबे समय से इनकी शिकायतें मिल रही थीं। नगर कोतवाली क्षेत्र में कार्रवाई के दौरान ये सभी पकड़े गए। एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने कहा कि हमने ऑपरेशन कालनेमि शुरू किया है। इसके तहत हमने अनेक लोगों को पकड़ा है जो वेश बदलकर अपनी गतिविधियां चला रहे थे। हरिद्वार की धार्मिक गरिमा से कोई समझौता नहीं होगा। कांवड़ मेले से पहले पुलिस का ये सख्त संदेश है कि फर्जीवाड़ा हरगिज बर्दाश्त नहीं होगा।

18 बहुरूपिए सपेरे बाबा भी गिरफ्तार
हरिद्वार। ऑपरेशन कालनेमि के तहत हरिद्वार पुलिस ने श्यामपुर थाना क्षेत्र से 18 बहुरूपिए सपेरे बाबाओं को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार ये लोग कांवड़ियों को रोककर परेशान कर रहे थे। उन्हें तंत्र-मंत्र और जादू-टोना आदि की कलायें दिखाने का प्रयास कर रहे थे। इस कारण कई स्थानों पर काफी भीड़भाड़ हो रही थी। इन बहुरूपियों के कृत्य से कांवड़ियों के भड़कने और उग्र होने की आशंका थी। जिससे अपराध घटित होने की भय था। इसी के दृष्टिगत थाना श्यामपुर पुलिस टीम ने मौके पर से 18 बहरूपिए सपेरे बाबाओं को गिरफ्तार कर थाने पर लाया गया है।

अखाड़ा परिषद ने ऑपरेशन कालनेमि का स्वागत किया
हरिद्वार। साधु संतों की सर्वाेच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने ऑपरेशन कालनेमि का समर्थन किया है। उन्होंने इसे एक महत्वपूर्ण ड्राइव बताते हुए कहा कि इससे कांवड़ के समय जो लोग धर्म का सहारा लेकर लोगों को ठगने का कार्य कर रहे थे, चाहे वह भगवा के वेश में हों या फिर अन्य वेश में, उन सब पर लगाम लगेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए गए इस फैसले का उन्होंने स्वागत किया। महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि उत्तराखंड ही नहीं बल्कि संपूर्ण भारत में इस ड्राइव को शुरू करना चाहिए। यह लोग धार्मिक पर्वों पर अपने आप को एक्टिव करते थे और मासूम बोले भाले लोगों का धर्म भ्रष्ट करने का कार्य भी यह करते थे। उन्होंने कहा कि इस ड्राइव से यह सब लोग जेल में होंगे और लोगों की आस्था से खिलवाड़ नहीं होगा।

महंत रविंद्र पुरी ने अपना अनुभव सुनाया
हरिद्वार। अपने एक्सपीरियंस को साझा करते हुए श्री महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि उन्होंने खुद इसे महसूस किया और देखा है। कई लोग भगवा और अलग-अलग रंग के वस्त्र पहनकर लोगों से पैसे मांगने का कार्य कर रहे थे। ना तो वह किसी धार्मिक संस्था से जुड़े हुए थे। ना ही वे किसी अखाड़े से थे। वह सिर्फ और सिर्फ पैसे कमाने के लिए और लोगों को ठगने के लिए इस तरह से धर्म का सहारा ले रहे थे, जो कि गलत है। इस ऑपरेशन से इन सभी लोगों पर लगाम लगेगी और मैं उम्मीद करता हूं कि जल्द ही पुलिस बड़ी कार्रवाई कर इन सभी को जेल में भेजने का कार्य करेगी।

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