मानसून से पहले हर स्थिति के लिए रहें तैयार: जैन

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रुद्रप्रयाग। आगामी मानसून काल के आगमन को देखते हुए आपदा प्रबंधन की पूर्व तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने जिला सभागार में राजस्व, पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, विद्युत, जल संस्थान, लोनिवि, पीएमजीएसवाई, डीडीआरएफ, खाद्य व विकास आदि संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ एक आवश्यक बैठक ली, जिसमें उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ आपदा प्रबंधन की पूर्व तैयारी के संबंध में विस्तृत चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने सड़क निर्माण से जुड़े विभाग लोक निर्माण विभाग, पीएमजीएसवाई व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्गों पर भूस्खलन वाले चिह्नित स्थानों पर जेसीबी आदि मशीनें तैनात रखी जाएं तथा मानसून काल में भूस्खलन से मार्ग बाधित होने पर आपसी समन्वय बनाकर कार्य करते हुए तत्काल ही यात्रा मार्गों को सुचारु करने के कार्य किए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे प्राइवेट संस्थान जिनके पास जेसीबी आदि मशीनें उपलब्ध हैं, उनके फोन नंबर भी एकत्र कर रखे जाएं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनसे संपर्क स्थापित कर मशीनों को हायर किया जा सके। उन्होंने पीएमजीएसवाई एवं पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से कहा कि वे जेसीबी मशीनों के साथ उनके ऑपरेटर को भी तैयार रखें, जिससे आपदा के दौरान रेस्पॉन्स समय में कमी आ सके।
जिलाधिकारी ने सड़क बंद होने तथा केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर आपदा की स्थिति में यात्रियों के लिए भोजन के पैकेट, पेयजल आदि व्यवस्थाएं सुचारु रखने के निर्देश दिए। समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदार व बीडीओ को आपदा से संवेदनशील क्षेत्रों के समस्त सड़क मार्गों व पैदल मार्गों की जानकारी एकत्र करने के साथ ही जनपद के ऐसे स्कूलों व इंटर कॉलेजों को चिन्हित करने के निर्देश दिए, ताकि आपदा की स्थिति में आम जनमानस को उक्त स्थलों पर ठहराया जा सके।
जिलाधिकारी ने सड़क निर्माण से जुड़े विभागों के साथ ही वन व राजस्व विभाग को यात्रा मार्गों से सटे वैकल्पिक मार्गों को चिन्हित कर झाड़ियां आदि काटने और मार्गों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी हेलीपैडों की स्थिति की जानकारी लेने तथा वहां तक जाने वाले रास्तों को सुचारू करने को कहा। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में तैनात सभी मशीनों (जेसीबी, डोजर, लोडर आदि) का विशेषज्ञों द्वारा निरीक्षण कर उन्हें सक्रिय व व्यवस्थित रखा जाए ताकि आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई हो सके। उन्होंने सभी मशीनों की तकनीकी जांच समयबद्ध रूप से कराने के निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रल्हाद कोंडे, अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा, जिला विकास अधिकारी अनीता पंवार, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला, जखोली के उप जिलाधिकारी भगत सिंह फोनिया, प्रशिक्षु उप जिलाधिकारी याक्षी अरोड़ा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम प्रकाश, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रबेंद्र बिष्ट, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवाड़, जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे, जिला पूर्ति अधिकारी के. एस. कोहली, खंड विकास अधिकारी अनुष्का तथा तहसीलदार ऊखीमठ प्रदीप नेगी उपस्थित रहे।

सूचना संप्रेषण और सतर्कता तंत्र को किया जाएगा मजबूत
रुद्रप्रयाग। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि आपदा की स्थिति में त्वरित राहत एवं बचाव कार्य के लिए सभी संसाधनों की पूर्व तैयारी कर ली जाए। उन्होंने सेटेलाइट फोन एवं वायरलेस सेट को संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेटों तक व्यवस्थित वितरण करने, उनकी सूची बनाने व संचालन के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करने को कहा। साथ ही केदारनाथ यात्रा मार्ग सहित सभी पत्थर गिरने वाले संवेदनशील स्थलों पर चेतावनी संकेतक व साइन बोर्ड लगाने, रात्रि के लिए रिफ्लेक्टिव बोर्ड लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने यातायात नियंत्रित करने के लिए पुलिस व प्रशासन की सतत निगरानी टीम भी सक्रिय रखने को कहा।

संवेदनशील भवन व स्कूल भवनों का होगा परीक्षण
रुद्रप्रयाग। जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों से कहा कि वे तहसील क्षेत्र अंतर्गत संवेदनशील भवनों का चिन्हांकन कर उनमें निवासरत परिवारों को मानसून काल में अन्यत्र शिफ्ट करें। उन्होंने शेल्टर हाउस के रूप में चिन्हित भवनों का स्थलीय निरीक्षण करने तथा कंट्रोल रूम की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए। आपदा कंट्रोल रूम के फोन नंबर आम जनता तक पहुंचाने एवं दूरस्थ क्षेत्रों में टेलीफोन कनेक्टिविटी व मोबाइल टावर की स्थिति की जानकारी एकत्र करने को कहा। साथ ही, एसएमएस अलर्ट को लेकर आमजन को जागरूक करने के निर्देश भी दिए गए। मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि ऐसे स्कूल भवनों का चिन्हांकन किया जाए जो जर्जर स्थिति में हैं तथा उनमें बरसात के समय कक्षाएं न चलाई जाएं।

जल, विद्युत और स्वास्थ्य सेवाएं रहें पूर्ण रूप से तैयार
रुद्रप्रयाग। जिलाधिकारी ने विद्युत एवं जल संस्थान को निर्देश दिए कि मानसून काल में विद्युत एवं पेयजल आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में तत्काल सुधार को लेकर कार्य योजना प्रस्तुत की जाए। नगर निकायों को नालों की नियमित सफाई एवं स्वास्थ्य विभाग को स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए।

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