जमीनी धोखाधड़ी में सक्रिय बाबा अमरीक सिंह गिरोह के सक्रिय सदस्य को दून पुलिस ने किया गिरफ्तार

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देहरादून। कई राज्यांे में जमीनी धोखाधड़ी में सक्रिय बाबा अमरीक सिंह गिरोह के सक्रिय सदस्य को दून पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार अभियुक्त थाना राजपुर में 15 करोड़ की धोखाधड़ी में पंजीकृत अभियोग में वांछित था। गिरोह के सदस्यों द्वारा विभिन्न राज्यांे में लोगों से अरबों रुपये की धोखाधड़ी की गई। गिरोह के सदस्यों के विरुद्ध उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में जमीनी धोखाधड़ी के डेढ़ दर्जन से अधिक अभियोग पंजीकृत हैं। गिरफ्तार अभियुक्त से पूछताछ में पुलिस के हाथ कई महत्वपूर्ण सुराग लगे हैं।
वादी गोविन्द पुण्डीर द्वारा थाना राजपुर पर एक लिखित तहरीर दी कि वह प्रोपर्टी डीलिंग का काम करते है। अगस्त 2023 में अमजद अली पुत्र युनुस अली निवासी मकान नं0 99, कमलेश्पुर, छुटमलपुर देहरादून रोड़ हाल निवासी जोहड़ी गांव सिनौला राजपुर देहरादून जो कि पूर्व में जाखन में वेल्डिंग का कार्य करता था,  अदनान नाम के एक व्यक्ति के साथ उनके बड़े भाई उपेन्द्र थापली से मिला और उसने बताया कि बुढ़ादल समिति नादेड, महाराष्ट्र के एक बहुत बड़े बाबा अमरीक सिंह स्कूल व आश्रम बनाने के लिए जमीन देख रहे है पर क्रय की जाने वाली जमीन की मिट्टी पहले बाबा को उपलब्ध करानी होगी क्योंकि बाबा क्रय की जाने वाली जमीन की मिट्टी चेक करते हैं और उसके बाद ही जमीन खरीदते हैं।  वादी द्वारा अमजद अली के कहे अनुसार तीन जमीनों के मिट्टी उन्हें उपलब्ध करा दी। अगस्त 2023 के दूसरे सप्ताह में अमजद अली, अदनान के साथ दोबारा वादी के पास आया और कहा की जो मिट्टी उनके द्वारा दी गई थी, वह पास नहीं हुई है। दिनांक 18.09.2023 को अमजद अली, राम अग्रवाल, सचिन गर्ग उर्फ छोटा काणा, मुकेश गर्ग उर्फ बड़ा काणा, सुमित बंसल, अर्जुन शेखावत, रणवीर, अदनान आदि सभी लोग वादी के पास पुरकुल गाँव, देहरादून आये और कहा कि कुछ किसान कनराल हरियाणा में अपनी जमीन बेच रहे हैं, जिसकी मिट्टी बाबा ने पास कर दी है, वादी उक्त जमीन का बयाना कर लें ताकि वे उसे आगे बाबा को बेच सकें। उक्त सभी लोगों के कहा कि बाबा की संस्था में कार्य करने के कारण वे उक्त जमीन की सीधी खरीद फरोख्त नहीं कर सकते, उनके द्वारा वादी को अपने साथ साझेदार बनने तथा उक्त जमीन की खरीद फरोख्त में मोटा मुनाफा होने का लालच दिया, जिस पर वादी द्वारा उक्त लोगो पर विश्वास कर अलग-2 समय पर उन्हें लगभग 15 करोड रुपये दे दिये तथा जब वादी उक्त भूमि की रजिस्ट्री कराने करनाल हरियाणा पहुंचा तो भूमि के मालिक किरनपाल एवं उनके सहयोग सुखराम पाल ने उन्हें अपने भाई की तबियत खराब होने तथा उसके आईसीयू में भर्ती होने की बात बतायी, उसके पश्चात वादी की मुलाकात बाबा अमरीक सिंह से  उसके सहयोगीयो के माध्यम से हुई तथा उनके द्वारा बताया गया कि जब तक तीनो भाई साथ नही आयेंगे तब तक रजिस्ट्री नही हो पायेगी।
कुछ समय पश्चात जब वादी दूसरी बार रजिस्ट्री कराने के लिए हरियाणा जाने के लिये तैयार हुआ तो किरणपाल द्वारा उसे फोन करके बताया कि बाबा को पैसे के साथ इन्कम टैक्स व पुलिस ने पकड़ लिया है और बदले में 6 करोड़ रुपये मांग रहे है, तथा 03 करोड़ रुपये स्वयं देने तथा तीन करोड की व्यवस्था वादी से करने को कहा गया तथा पैसों का इंतजाम न होने पर मामला इन्कम टैक्स में जाने तथा पूर्व में दिया गया पूरा पैसा जप्त होने का डर दिखाया गया। उनकी बातो पर विश्वास कर वादी द्वारा समय-समय पर उन्हें तीन करोड रु0 का और भुकतान किया  परन्तु फिर भी अभियुक्तो द्वारा वादी को समय-2 पर रजिस्ट्री कराते समय बहाना बनाकर झासा दिया गया, जब वादी द्वारा अभियुक्तों के संबंध में और अधिक जानकारी की गयी तो उसे ज्ञात हुआ कि उक्त अभियुक्तों द्वारा गिरोह बनाकर उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तराखण्ड आदि राज्यो में इसी प्रकार से कई घटनाओं को अंजाम दिया गया है। तहरीर के आधार पर थाना राजपुर में तत्काल संबंधित धाराओ में अभियोग पंजीकृत करते हुए विवेचना प्रारम्भ की गयी।

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