मतदान प्रतिशत में गिरावट ने बढ़ाई राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों की चिंता

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देहरादून। उत्तराखंड में शुक्रवार को हुए मतदान के साथ ही 55 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद हो गया है। मतगणना 4 जून को होगी। राज्य की पांच लोकसभा सीटों गढ़वाल, टिहरी, हरिद्वार, नैनीताल-उधमसिंहनगर व अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर भाजपा व कांग्रेस समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के 55 प्रत्याशी चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं। राज्य में 55.89 प्रतिशत मतदान हुआ, जो कि पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले कम है। मतदान प्रतिशत कम रहने से राजनीतिक दल और उनके उम्मीदवार चिंता में हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा लोगों को मताधिकार के प्रति जागरूक करने के तमाम प्रयास किए गए लेकिन, ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई। कुछ इलाकों में लोगों ने मतदान का बहिष्कार भी किया। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांचों सीटों पर 58.01 प्रतिशत वोट पड़े थे।
राज्य में गढ़वाल मंडल की पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट पर 13,69,388 वोटर पंजीकृत हैं, यहां 48.81 प्रतिशत मतदान हुआ। इस सीट पर 13 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। मुख्य मुकाबला बीजेपी के अनिल बलूनी और कांग्रेस के गणेश गोदियाल के बीच माना जा रहा है। बीजेपी ने 2019 के विजेता तीरथ सिंह रावत का इस बार टिकट काट दिया था। 2019 में बीजेपी के तीरथ सिंह रावत को पौड़ी गढ़वाल सीट पर 5,06,980 वोट मिले थे। उनका मत शेयर 68 फीसदी था।
टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट पर 15,77,664 मतदाता पंजीकृत हैं, इस सीट पर 51.51 प्रतिशत मतदान हुआ। इस लोकसभा सीट पर चुनाव में 11 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं। मुख्य मुकाबला बीजेपी की माला राज्य लक्ष्मी शाह और कांग्रेस के जोत सिंह गुनसोला के बीच माना जा रहा है। राजनीतिक समीक्षकों का आकलन है कि निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार चुनाव परिणाम को गड़बड़ा सकते हैं। माला राज्य लक्ष्मी शाह पिछली तीन बार से टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट से चुनाव जीतती आ रही हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में माला राज्य लक्ष्मी को 5,65,333 वोटर मिले थे और उनका वोट शेयर 65 प्रतिशत था।
गढ़वाल मंडल की हरिद्वार लोकसभा सीट पर 20,35,726 मतदाता पंजीकृत हैं, हरिद्वार लोकसभा सीट पर 59.12 प्रतिशत मतदान हुआ। इस सीट पर सबसे ज्यादा 14 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इस सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत व पूर्व सीएम हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत के बीच माना जा रहा है। इस सीट पर बसपा की ओर से जमील अहमद कासमी व निर्दलीय प्रत्याशी खानपुर विधायक उमेश कुमार भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। बीजेपी ने इस सीट पर 2019 में चुनाव जीते पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक को टिकट नहीं दिया। निशंक को 2019 के लोकसभा चुनाव में 6,65,674 वोट मिले थे, उनका वोट शेयर 52 प्रतिशत था।
कुमाऊं मंडल की अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ आरक्षित सीट पर 13,39,327 मतदाता पंजीकृत हैं, इस सीट पर 45.17 प्रतिशत मतदान हुआ। इस सीट पर 7 प्रत्याशी चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं। मुख्य मुकाबला बीजेपी के अजय टम्टा और कांग्रेस के प्रदीप टम्टा के बीच है। अजय टम्टा 2019 में अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट से चुनाव जीते थे। अजय टम्टा को 20219 के चुनाव में 4,44,651 वोट मिले थे, उनका वोट शेयर 64 फीसदी था।
कुमांऊ की नैनीताल-उधमसिंहनगर सीट पर 20,15,809 मतदाता पंजीकृत हैं, इस सीट पर 59.12 प्रतिशत मतदान हुआ। इस सीट पर 10 प्रत्याशी चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। मुख्य मुकाबला बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट और कांग्रेस के प्रकाश जोशी के बीच माना जा रहा है। अजय भट्ट ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के हरीश रावत को हरायाा था। 2019 के लोकसभा चुनाव में अजय भट्ट को 7,72,195 वोट मिले थे और उनका वोट शेयर 61 प्रतिशत था। उत्तराखंड में इस लोकसभा चुनाव में 55.89 प्रतिशत मतदान हुआ, हालांकि, अगले कुछ घंटों में मतदान प्रतिशत में थोड़ी और बढ़ोतरी होने की संभावना निर्वाचन आयोग जता रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार राज्य में मतदान प्रतिशत कम रहा। निर्वाचन आयोग द्वारा लोगों को मताधिकार के प्रति जागरूक करने के तमाम प्रयास किए गए लेकिन, ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई। कुछ इलाकों में लोगों ने मतदान का बहिष्कार भी किया। देहरादून जिले के चकराता क्षेत्र में आठ, चमोली में दो, पौड़ी में दो, पिथौरागढ़ में तीन मतदान केंद्रों पर लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया। उत्तरकाशी के सेकू गांव स्थित पोलिंग बूथ पर 11 मत पड़े। इसमें सभी कर्मचारी शामिल हैं, गांव के किसी व्यक्ति ने मतदान नहीं किया। राज्य में मतदान प्रतिशत कम रहने से राजनीतिक दलों और उनके उम्मीदवारों की चिंता बढ़ गई है। चुनाव परिणाम 4 जून को घोषित होगा।

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