उत्तराखण्ड में भारी ठंड के चेतावनी के चलते आपदा प्रबंधन विभाग हुआ अलर्ट

1 min read

देहरादून। एक पहाड़ी राज्य होने के कारण उत्तराखंड में सर्दियों में ठंडा रहता है। लेकिन उत्तराखंड में इस बार भारी शीत ऋतु का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है। आपदा प्रबंधन ने भी शीतलहर को लेकर अभी से एहतियात बरतना शुरू कर दिया है। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि उन्होंने क्या तैयारियां की हैं। उत्तराखंड में इस बार मानसून सीजन ने जमकर अपना कहर बरपाया था। पूरे मानसून सीजन में सामान्य से ज्यादा बरसात के बाद उम्मीद की जा रही है कि इस बार बर्फबारी भी पूरे प्रदेश में ठीक-ठाक से देखने को मिलेगी। वहीं सर्दी के लगातार बढ़ते प्रभाव को देखते हुए शीतलहर से प्रभावी तरीके से निपटने के अलावा शीतकालीन यात्रा को लेकर सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने शीतलहर को लेकर जनपदों को दिशा निर्देश जारी किए हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी जिलों में निर्देश दिए गए हैं कि जल्द से जल्द कोल्ड वेव एक्शन प्लान तैयार करते हुए यूएसडीएमए के साथ साझा किया जाए। उन्होंने कहा कि सीएम धामी ने सभी जिलों को शीतलहर से निपटने के लिए धनराशि मुहैया कराई है। ये भी कहा गया है कि यदि किसी जनपद को और आवश्यकता है, तो उन्हें धनराशि तुरंत दी जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसी जनपद को धनराशि की और आवश्यकता है तो वह जल्द से जल्द डिमांड शासन को भेज सकते हैं।
यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में वर्चुअल माध्यम से आयोजित बैठक में सचिव विनोद सुमन ने कहा कि शीतकालीन यात्रा प्रारंभ हो चुकी है। यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को ठंड के मौसम में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इस पर खास ध्यान दिया जाए। मौसम तथा सड़कों की स्थिति को देखते हुए यात्रियों को आगे रवाना किया जाए। यदि बर्फबारी के कारण मार्ग बाधित होते हैं, तो यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोकने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सुमन ने कहा कि जनपदों में खाद्य सामग्री, पेयजल और ईंधन का फरवरी 2026 तक पर्याप्त भंडारण किया जाए। आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हों, इसके लिए चिकित्सकों की सूची, उनके मोबाइल नंबर और जरूरी दवाइयों का पर्याप्त भंडारण किया जाए। अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और एम्बुलेंस सेवाओं को 24गुणा7 अलर्ट पर रखा जाए। जिन स्थानों पर रात के समय आवाजाही रहती है, उन स्थानों पर अनिवार्य रूप से अलाव जलाए जाएं। उन्होंने रैन बसेरों में सभी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा कि बेसहारा पशुओं को लेकर भी मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए पशुपालन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर उन्हें ठंड से बचाने की कार्ययोजना बनाई जाए। आम जनमानस को शीत लहर से बचाव के लिए क्या-क्या करना चाहिए, इस संबंध में पब्लिक अनाउंसमेंट के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाए।

गर्भवती महिलाओं का डाटा बेस तैयार रखें
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने कहा कि जिन गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी जनवरी और फरवरी माह में होनी है, उनका डाटाबेस बनाया जाए। बर्फबारी के कारण जिन क्षेत्रों में आवाजाही प्रभावित हो जाती है, वहां से गर्भवती महिलाओं को समय रहते हॉस्पिटल व सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की योजना बनाई जाए।

सड़क हादसों को रोकने के लिए उठाएं प्रभावी कदम
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद सुमन ने कहा कि बर्फबारी के कारण बंद होने वाले मार्गों को चिन्हित कर वहां जेसीबी मशीन, स्नो कटर मशीन तथा टायर चेन की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि पालाग्रस्त क्षेत्रों में सड़कों को भी चिन्हित कर वहां साइन बोर्ड लगाए जाएं ताकि लोग संभलकर ऐसे स्थान पर वाहन चलाएं। वहां चूने और नमक का छिड़काव किया जाए। उन्होंने कहा कि बर्फबारी के कारण जो क्षेत्र आवागमन से वंचित हो जाते हैं, उन क्षेत्रों में अगले तीन महीने का राशन, ईंधन, रसोई गैस तथा अन्य जरूरी सामान का भंडारण सुनिश्चित किया जाए।

शीतलहर से न हो किसी की मृत्यु
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने कहा कि निराश्रित तथा जो लोग खुले में सोने के लिए मजबूर हैं, उन्हें रैन बसेरों में पहुंचाया जाए। हरसंभव प्रयास किए जाएं कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु शीत लहर से न हो। जनपदों द्वारा सुनिश्चित किया जाए कि अल्पसाधन एवं अन्य स्थानों से आए मजदूर, जिनके पास रहने के लिए समुचित व्यवस्थाएं न हों तथा भिक्षा मांगने वाले लोग खुले स्थानों पर न सोएं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इस साल शीतकाल के दौरान सामान्य से अधिक ठंड रहने की संभावना व्यक्त की है। विशेष रूप से उत्तर भारत में इस दौरान सामान्य से कम वर्षा होने के संकेत मिले हैं। जनवरी 2026 में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने तथा शीत लहर की लंबे अवधि तक बने रहने की उम्मीद है। इससे ठंड का प्रकोप बढ़ सकता है। उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आमजन से अपील है कि मौसम से संबंधित नियमित अपडेट पर ध्यान दें व आवश्यक सावधानियां बरतें। साथ ही बुज़ुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा बीमार व्यक्तियों की विशेष देखभाल की सलाह दी है।

रैन बसेरों में समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित हों
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास ने कहा कि रैन बसेरों में साफ सफाई की उचित व्यवस्था हो तथा वहां महिला और पुरुषों के रुकने के लिए पृथक व्यवस्था भी की जाए। प्रत्यक रेन बसेरे का एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। रेन बसेरों में हीटर, पर्याप्त मात्रा में बिस्तर, पानी गर्म करने की रॉड तथा सुरक्षा के प्रबंध भी किए जाएं।

Copyright, Mussoorie Times©2023, Design & Develop by Manish Naithani 9084358715. All rights reserved. | Newsphere by AF themes.