सहायक अभियोजन अधिकारी के 46 अतिरिक्त पदों के सृजन को मंजूरी
1 min read
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में कैबिनेट बैठक हुई। बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सौरभ बहुगुणा समेत तमाम मंत्री मौजूद रहे। सतपाल महाराज और धन सिंह रावत वर्चुअल रूप से बैठक में शामिल हुए। बैठक के दौरान कैबिनेट ने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ आंदोलनकारी और पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट के निधन पर 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। साथ ही कैबिनेट ने राज्य निर्माण और राज्य के विकास में पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट के योगदान को भी याद किया। इसके बाद बैठक के दौरान तमाम विभागों के महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा हुई।
धामी मंत्रिमंडल की बैठक खत्म, 7 प्रस्तावों पर लगी मुहररू मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक खत्म हो गई है। बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सौरभ बहुगुणा मौजूद रहे। मंत्रिमंडल की बैठक में 7 प्रस्तावों पर मुहर लगी है।
पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के लेखा जोखा को विधानसभा के सदन पटल पर रखने को मिली मंजूरी। अभियोजन संवर्ग ढांचे के पुनर्गठन को मिली मंजूरी। सहायक अभियोजन अधिकारी के 46 अतिरिक्त पदों के सृजन को मिली मंजूरी। ऊर्जा विभाग के वार्षिक वित्तीय प्रतिवेदन 2022- 23 को विधानसभा के सदन पटल पर रखने को मिली मंजूरी। राज्य की दुकानों और संस्थानों में महिला कर्मचारी अब रात 9 से सुबह 6 बजे की शिफ्ट यानि रात के समय भी काम कर सकेंगी। इसके लिए सुरक्षा प्रावधान किए जाएंगे। हालांकि, इसके लिए महिलाओं को पहले लिखित सहमति देनी होगी। उत्तराखण्ड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) (संशोधन) अध्यादेश, 2025 के जरिए उत्तराखंड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) अधिनियम, 2017 की धारा 1 (2), 8, 9 एवं धारा 19 में संशोधन को मिली मंजूरी। देहरादून शहर में प्रस्तावित मेट्रो नियो परियोजना के प्रस्ताव पर आवासन एवं शहरी विकास मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से दिए गए सुझाव को मंत्रिमण्डल को अवगत कराने और मार्गदर्शन प्राप्त किए जाने संबंधित प्रस्ताव प्रस्तावित किया गया है। मानव वन्य जीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली- 2025 में संशोधन को मिली मंजूरी। मानव-वन्यजीवों के बीच संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए कैबिनेट ने ये फैसला किया है कि इन हमलों में मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए की राशि दी जाएगी। अनुग्रह राशि को 6 लाख से बढ़ाया गया है। वहीं, इन हमलों में घायलों का पूरा खर्च सरकार उठाएगी।
धामी सरकार ने राज्य की दुकानों एवं संस्थानों में महिला कर्मचारियों को नाइट शिफ्ट (रात्रि 9।00 बजे से प्रातः 6ः00 बजे तक) कार्य करने की सशर्त छूट प्रदान की है, जिसमें महिला कर्मचारियों की सुरक्षा का पर्याप्त प्रावधान किया गया है। इससे महिला कर्मचारियों को कार्य करने के अधिक अवसर प्राप्त होगें तथा महिला कर्मकारों का आर्थिक सशक्तिकरण होगा। रात्रि पाली में महिला कर्मकारों को कार्य में तभी लिया जा सकता है, जब उनके द्वारा इस संबंध में पूर्व में ही लिखित सहमति प्राप्त कर ली जाए। इससे महिला कर्मकारों को पुरुष कर्मकारों के समान कार्य करने के अवसर प्राप्त होगें व लैंगिक समानता की व्यवस्था भी प्रभावी होगी।
इसके साथ ही उत्तराखंड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा-शर्त) (संशोधन) अध्यादेश, 2025 के माध्यम से उत्तराखंड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा-शर्त) अधिनियम, 2017 की धारा 1(2), 8, 9 एवं धारा 19 में संशोधन किया जा रहा है। सरकार के अनुसार इन संशोधनों से छोटे प्रतिष्ठानों पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा और वे अपनी आर्थिक गतिविधि सुचारू रूप से संचालित कर सकेंगे। बड़े प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मकारों को कानून के अन्तर्गत सभी लाभ प्राप्त होंगे। सरकार मानती है कि इससे निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा, दुकानों एवं स्थापनों में काम करने के समय में लचीलापन आयेगा, प्रशासनिक बोझ कम होगा। इसके अतिरिक्त इससे दुकानों व स्थापनों की कार्यक्षमता बढ़ेगी व कर्मचारियों को ज्यादा काम करने का अवसर मिलेगा, जिसके परिणामस्वरूप उनकी आर्थिकी में सुधार होगा।
मानव वन्यजीव संघर्ष में मृतक के परिजनों को अब मिलेंगे 10 लाख
देहरादून। उत्तराखंड में अक्सर मानव वन्यजीव संघर्ष के मामले सामने आते रहते हैं। वर्तमान समय में प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में भालू और गुलदार के हमलों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। भालू और गुलदार के हमलों से कई लोगों की जान भी जा चुकी है, जिससे लोग न सिर्फ दहशत में हैं, बल्कि वन विभाग की भी चिंता बढ़ गई है। ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार ने वन्य जीव संघर्ष के मामलों में प्रभावितों खासकर मृतकों के परिजनों को मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ाने का निर्णय लिया है।
इस संबंध में बुधवार को हुई धामी मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली- 2025 (संशोधन) को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत अब मानव वन्यजीव संघर्ष में मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।
दरअसल, वर्तमान समय में मानव वन्यजीव संघर्ष के मामलों में प्रभावितों को अनुग्रह राशि का भुगतान मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली- 2024 के प्रावधानों के अनुसार किया जाता है। इस नियमावली के प्रावधानों के अनुसार वर्तमान में मानव मृत्यु की दशा में छह लाख की धनराशि मृतक आश्रितों को प्रदान किये जाने का प्रावधान है। इस राशि को लंबे समय से बढ़ाने की मांग उठती रही है। इसीलिए बुधवार 26 नवंबर को हुई कैबिनेट बैठक में राहत राशि बढ़ाने को लेकर बड़ा फैसला लिया गया और सहायता राशि को बढ़ाकर दस लाख किये जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई।
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन्यजीव हमले में जनहानि पर मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर दस लाख किये जाने की घोषणा की थी। इसके अलावा मानव वन्यजीव संघर्ष में मृतकों के परिजनों को मिलने वाली धनराशि को बढ़ाये जाने की मांग को देखते हुए, टाइगर कन्जर्वेशन फाउण्डेशन फॉर सीटीआर की शासी निकाय की 10वीं बैठक में निर्णय लिया गया था, जिसके तहत मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में मानव मृत्यु की दशा में अनुग्रह राशि की दर को 6 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किये जाने के लिए इसकी नियमावली के नियम-9 के उप नियम (1) में संशोधन किया जाना था।
ऐसे में वन विभाग कि इस प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है, जिसके तहत अब मानव मृत्यु की दशा में प्रति व्यक्ति दस लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जायेगी। इसके अलावा वर्तमान समय में मानव वन्य जीव संघर्ष के दौरान घायलों को दो लाख रुपए की सहायता राशि दी जाती है, जिसको देखते हुए हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बाबत घोषणा किया है कि मानव वन्यजीव संघर्ष के दौरान घायल होने वाले लोगों के इलाज का सारा खर्च उत्तराखंड सरकार वहन करेगी। हालांकि, इस संबंध में अभी कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ है।
