राष्ट्रपति, पीएम का उत्तराखंड आगमन से बढ़ा देश में राज्य का महत्त्वः महेंद्र भट्ट

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देहरादून। भाजपा ने राज्य स्थापना रजत जयंती वर्ष समारोह में राष्ट्रपति के शामिल होने को उत्साहवर्धक बताते हुए कहा, उनका और पीएम का आना स्पष्ट करता है कि देश उत्तराखंड को कितना महत्व देता है। प्रदेशाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने सत्र की अवधि को लेकर कांग्रेसी आपत्ति पर अपील की कि सभी को इस ऐतिहासिक एवं गौरवशाली अवसर पर दलगत राजनीति से ऊपर उठते हुए सकारात्मक चर्चा को आगे बढ़ाना चाहिए। वहीं गैरसैण को स्थाई राजधानी बनाने की हरदा वाणी पर आईना दिखाते हुए कहा कि कांग्रेस ने कभी भी सदन की वैधानिक प्रक्रिया में स्थाई राजधानी का विषय नहीं उठाया और सत्ता में रहते तो हमेशा ही इस मुद्दे को भूल गए।
पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना दिवस पर देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का उत्तराखंड आना और विशेष सत्र को संबोधित करना ये दर्शाता है कि देश उत्तराखंड को कितना महत्व देता है। आगे 9 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राज्य में आने वाले हैं, जिसको लेकर प्रदेशवासियों में उत्साह और हर्षौल्लास का वातावरण बना हुआ है। समूचा प्रदेश रजत जयंती वर्ष समारोह के विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत कर इस ऐतिहासिक और गौरवशाली क्षणों को और अधिक शानदार बना रहा है।
उन्होंने सत्र की कम अवधि को लेकर कांग्रेस के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सदन 25 वर्षों के सफर की उपलब्धियों पर विमर्श और आने वाले 25 वर्षों के विकास मार्ग की रूपरेखा बनाने के लिए है। लिहाजा बेहतर है कि राज्य ने अब तक के सफर में हमने क्या-क्या प्राप्त किया उसकी चर्चा हो, दलगत राजनीति से हटकर बातचीत हो, आगामी 25 वर्षों के लिए रणनीति तैयार हो कि कैसा उत्तराखंड हम बनाना चाहते हैं। हम कैसे अपने राज्य को विकसित बना सकते हैं, ऐसे विषय को लेकर वहां सकारात्मक चर्चा हो। क्या-क्या मूलभूत समस्याएं अभी है उन्हें शीघ्र कैसे दूर किया जाए उसपर सकारात्मक चर्चा करने की जरूरत है। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं से अपील की कि अच्छा होगा, इसको वे राजनैतिक चश्मे से ना देखें।
वहीं तंज किया कि सरकार आज हमारी है और आगे भी रहने वाली है। ऐसे कांग्रेस का यह नकारात्मक रवैया अंततः कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचाएगा। उन्होंने पूर्व सीएम हरीश रावत द्वारा सरकार आने पर गैरसैण को स्थाई राजधानी बनाने के दावे पर कटाक्ष किया कि वे प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री समेत तमाम महत्वपूर्ण पदों पर रहे लेकिन कोई महत्वपूर्ण कार्य गैरसैण के लिए नहीं किया। भाजपा की सरकार ने ही गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया और उसका चहुमुखी विकास भी हमारी सरकार द्वारा किया जा रहा है। राजधानी किसी भी क्षेत्र विकास का केंद्र नही बल्कि समूचे प्रदेश के विकास का केंद्र होती है। राज्य के संसाधनो के सदुपयोग से हम लगातार स्थितियों को अनुकूल बनाने में जुटे हैं। जब सर्वसम्मति बनेगी तो उस पर उचित निर्णय लिया जाएगा। लेकिन जो गैरसैण का राग अलाप रहे हैं, उनके लिए कहना आसान है। जबकि सच यह है कि उन्होंने कभी भी सदन में किसी भी नियम के तहत राजधानी कहां बनाई जाए, इस मुद्दे को नहीं उठाया। वही जब-जब सरकार में रहे तो हमेशा इस मुद्दे को भूले रहे और ठंडे बस्ते में रखा। इसलिए इस मुद्दे पर अपने पुराने रुख को संज्ञान में रखते हुए, कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदारी से बयान देने चाहिए।

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