झंझट से मुक्ति, आरटीओ ऑफिस में शुरू हुआ परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट

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देहरादून। सोमवार से दुपहिया के परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस का टेस्ट देने इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग एंड ट्रेनिंग रिसर्च (आइडीटीआर) झाझरा में नहीं जाना पड़ेगा। परिवहन विभाग ने इसके लिए आरटीओ कार्यालय देहरादून परिसर में ड्राइविंग ट्रैक तैयार किया था, जिसे सोमवार से आरटीओ कार्यालय में शुरू कर दिया गया है।
वर्तमान में डीएल के लिए लर्निंग लाइसेंस का टेस्ट आरटीओ कार्यालय में कंप्यूटर पर बहुविकल्पीय सवालों के जवाब देकर होता है। उसके बाद परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस का टेस्ट देने आइडीटीआर झाझरा करीब शहर से 20 किमी जाने के लिए लोगो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। खासकर महिला, युवतियों, बुजुर्गों ओर नान-गियर वाहन का लाइसेंस बनाने वाले 16 से 18 साल तक की आयु के बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। शहर से दूर होने के कारण बुजुर्गों, महिलाओं और ऐसे में आरटीओ ने प्रस्ताव बनाया था कि दुपहिया लाइसेंस बनाने वालों को झाझरा जाने से राहत दे दी जाए। आरटीओ प्रस्ताव को मुख्यालय से स्वीकृति मिल गई है। साथ ही दुपहिया के परमानेंट डीएल टेस्ट की आनलाइन फीस 900 रुपये है। आइडीटीआर में सेवा शुल्क के तौर पर 118 रुपये अलग लिए जाते हैं। अब जब टेस्ट आइडीटीआर में होगा ही नहीं तो यह सेवा शुल्क भी नहीं देना होगा। आरटीओ कार्यालय में दुपहिया डीएल का टेस्ट देने के लिए आवेदक को हेलमेट भी अपने साथ लाना होगा। आवेदक दुपहिया चलाना भली भांति जानता हो, ड्राइविंग ट्रैक पर टेस्ट के दौरान केवल एक बार ही मौका मिलेगा। यदि इस दौरान पांव फर्श पर रख दिया तो आवेदक फेल माना जाएगा। साथ ही आवेदकों से अपील की है कि वह किसी बाहरी व्यक्ति के चक्कर में न पड़ें। खुद सारथी साफ्टवेयर पर आवेदन आनलाइन करें या कामन सर्विस सेंटर पर 30 रुपये शुल्क देकर आवेदन करा लें। टेस्ट देने से पूर्व आवेदक को बायोमेट्रिक फिंगर प्रिंट भी देना होगा। साथ ही आरटीओ कार्यालय परिसर में निर्धारित मानकों के अनुसार ड्राइविंग ट्रैक बना लिया गया है,अब यहां कैमरों की निगरानी में टेस्ट लिया जा सकता है।

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