स्वास्थ्य और सिंचाई योजनाओं की निगरानी को लेकर धामी सरकार गंभीर

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देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने स्वास्थ्य और सिंचाई क्षेत्रों में पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन एवं मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्न सचिव समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों के क्रम में स्वास्थ्य एवं सिंचाई विभाग के सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के नेतृत्व में दो बड़ी पहल की गई हैं। एक ओर जहां राज्य की प्रमुख स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी आम जन तक पहुंचाने और निगरानी के लिए 15 वरिष्ठ अधिकारियों को जनपदवार नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, वहीं दूसरी ओर सिंचाई योजनाओं की प्रगति, प्रभाव और जमीनी वास्तविकता की जांच के लिए 13 वरिष्ठ अधिकारियों की एक विशेष निरीक्षण टीम गठित की गई है।
स्वास्थ्य योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए 15 नोडल अधिकारियों की नियुक्तिः सरकार की मंशा है कि राज्य की सभी स्वास्थ्य योजनाओंकृजैसे अटल आयुष्मान योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं अन्य सेवाओं का लाभ प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे। इसके लिए 15 वरिष्ठ अधिकारियों को विभिन्न जिलों में नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इन अधिकारियों को ब्लॉक स्तर तक योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने, सुविधाओं की स्थलीय समीक्षा करने तथा एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट शासन को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
नामित स्वास्थ्य नोडल अधिकारी एवं उनके जिले-स्वाति भदौरिया, अपर सचिव-चमोली, रीना जोशी, अपर सचिव-देहरादून, अनुराधा पाल, अपर सचिव- बागेश्वर, वरुण चौधरी, अपर सचिव पौड़ी गढ़वाल, डॉ. सुनीता टम्टा, महानिदेशक- टिहरी गढ़वाल, डॉ. आशुतोष सयाना, निदेशक-रुद्रप्रयाग
डॉ. शिखा जंगपांगी, निदेशक-उत्तरकाशी, डॉ. नर्सिंग गुंजियाल, निदेशक-पिथौरागढ़, डॉ. मनोज उप्रेती, निदेशक-हरिद्वार, डॉ. चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी, निदेशक-चंपावत, ताजबर सिंह जग्गी, अपर आयुक्त (एफडीए)-ऊधमसिंहनगर, डॉ. राजीव पाल सिंह, अपर निदेशक-रुद्रप्रयाग, डॉ. मनु जैन, निदेशक (एनएचएम)-चंपावत, डॉ. बिन्देश कुमार शुक्ला, अपर निदेशक-अल्मोड़ा, डॉ. आर. आर. बिष्ट, अपर निदेशक-नैनीताल शामिल हैं।
सिंचाई योजनाओं की समीक्षा हेतु 13 अधिकारियों की निगरानी टीमः राज्य की विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं की प्रगति, उपयोगिता और प्रभावशीलता की वास्तविक स्थिति जानने के लिए शासन ने 13 वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम गठित की है। इन अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर नामित जिलों में भ्रमण कर निरीक्षण रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करनी होगी, जिसमें योजनाओं की वर्तमान स्थिति, लाभार्थियों की प्रतिक्रिया एवं फोटोग्राफ्स सहित विवरण शामिल होगा।
नामित सिंचाई निरीक्षण अधिकारी एवं उनके जिले-गरिमा रौंकली, अपर सचिव-टिहरी गढ़वाल, सुभाष चंद्र, विभागाध्यक्ष सिंचाई-उत्तरकाशी
बृजेश तिवारी, विभागाध्यक्ष लघु सिंचाई-चमोली, प्रशांत बिश्नोई, एमडी जमरानी बांध-पिथौरागढ़, शंकर कुमार साहा, मुख्य अभियंता-पौड़ी गढ़वाल
पी.के. मल्ल, मुख्य अभियंता-चंपावत, गोकरन सिंह टोलिया, मुख्य अभियंता-अल्मोड़ा, डी.एस. कछवाहा, वरिष्ठ स्टाफ अधिकारी-नैनीताल, नवीन सिंघल, वरिष्ठ स्टाफ अधिकारी-हरिद्वार, संजीव श्रीवास्तव, वरिष्ठ स्टाफ अधिकारी-बागेश्वर, बी.के. पांडे, अधीक्षण अभियंता-रुद्रप्रयाग
शरद श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता-ऊधमसिंहनगर, आर.बी. सिंह, अधीक्षण अभियंता-चमोली शामिल हैं।
स्वास्थ्य एवं सिंचाई विभाग के सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि ‘राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि सभी योजनाएं ज़मीनी स्तर पर प्रभावी रूप से क्रियान्वित हों और उनका लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंचे। इसके लिए योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन अनिवार्य है। वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी देकर हमने पारदर्शिता और जवाबदेही का मजबूत ढांचा तैयार किया है। प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर आगे की रणनीति तय की जाएगी और किसी भी स्तर पर लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’

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